कुनबी समाज की महिलाओं द्वारा गुड़ी पाड़वा पर्व व हिंदू नव वर्ष का आयोजन किया गया हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार गुड़ी पाड़वा के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी प्राकृतिक रूप से देखे तो इस पर्व को बसंत ऋतु का नई उमंग और जीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है यह पर्व हिंदू धर्म की परंपराओं संस्कृति और कृषि के महत्व को समझता है कुनबी समाज की महिलाओं ने गुढी की पूजा अर्चना करके एक दूसरे को हल्दी कुमकुम लगाकर व गले मिलकर नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी वह हिंदू नव वर्ष को बहुत ही धूमधाम से मनाया
कार्यक्रम में शामिल शीला ताई गावंडे ,गीता ताई सोनारे , कंचन पांडे, भारती गावंडे, सुकन्या गावंडे ,ललिता गणेसे ,वर्षा सोनारे, स्वर्णा गावंडे, अर्चना महाले, कंचन पवार ,रत्ना प्रभा माथनकर, पिंकी गायकवाड , निकिता मकोड़े रूपा बारस्कर ,सरोज घोडकी ,उषा ताई गायकवाड, ठाकरे आई ,रेखा ताई बारस्कर, ममता ताई दवनडे, रेखा ताई ठाकरे, रोशनी ताई, रानी पानसे , शकुंतला गीत , लता माथनकर, इंदिरा गायकवाड , जयमाला देशमुख, आदि महिलाएं शामिल हुई।।