नशे की लत: चार चरणों में कैसे बढ़ती है और योग-प्राणायाम से इसका समाधान
डॉ. नवीन वागद्रे
नशे की लत (Substance Use Disorder) आज एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी है। युवा पीढ़ी से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक, यह समस्या तेजी से फैल रही है। अधिकतर लोग यह सोचकर नशा शुरू करते हैं कि “बस एक बार आजमा कर देख रहा हूँ”, लेकिन यही आदत धीरे-धीरे लत में बदल जाती है। नशे की प्रवृत्ति एक दिन में नहीं बनती, बल्कि यह चार चरणों में विकसित होती है। हालांकि, अगर सही समय पर पहचान हो जाए और योग, प्राणायाम, और प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाया जाए, तो नशे की लत को रोका जा सकता है। आइए समझते हैं कि नशे की लत कैसे बढ़ती है और इससे छुटकारा पाने के लिए कौन-से प्राकृतिक उपाय कारगर हैं।
नशे की लत के चार चरण
1. प्रयोग (Experimentation) – नशे की शुरुआत
इस चरण में व्यक्ति सिर्फ मजे के लिए, दोस्तों के दबाव में या जिज्ञासा के कारण नशा करता है। वह यह सोचता है कि “एक बार लेने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा”।
📌 लक्षण:
सिर्फ खास मौकों या दोस्तों के साथ नशा करना
इसे नियंत्रित करने की पूरी क्षमता होना
कोई शारीरिक या मानसिक प्रभाव नज़र नहीं आना
💡 क्या करें?
➡ योग अभ्यास: ध्यान (Meditation) करें, जिससे मन मजबूत बना रहे।
➡ शौक पालें: संगीत, खेल या कोई कला सीखें, ताकि ध्यान भटके नहीं।
2. नियमित उपयोग (Regular Use) – आदत बनने की प्रक्रिया
अब व्यक्ति बार-बार नशा करने लगता है। इसे वह तनाव, अकेलेपन या खुशी के पलों में भी इस्तेमाल करने लगता है। धीरे-धीरे शरीर में सहनशीलता (Tolerance) बढ़ने लगती है और कम मात्रा में नशे का असर महसूस नहीं होता।
📌 लक्षण:
बार-बार नशा करने की इच्छा
इसे छोड़ने की जरूरत महसूस न होना
मानसिक और शारीरिक प्रभाव दिखना शुरू होना
💡 क्या करें?
➡ सूर्य नमस्कार करें – इससे मन और शरीर ऊर्जावान रहता है।
➡ शरीर को डीटॉक्स करें – नीम, गिलोय और त्रिफला का सेवन करें।
3. जोखिमपूर्ण उपयोग (Risky Use) – शरीर और मानसिकता पर असर
अब नशा व्यक्ति की ज़िंदगी पर बुरा प्रभाव डालने लगता है। काम में ध्यान नहीं लगता, रिश्तों में दूरी आने लगती है और शारीरिक स्वास्थ्य भी खराब होने लगता है। व्यक्ति को अब यह महसूस होने लगता है कि उसे इसे छोड़ देना चाहिए, लेकिन फिर भी वह नशे की ओर खिंचता चला जाता है।
📌 लक्षण:
काम या पढ़ाई में रुचि कम होना
झूठ बोलना, गुस्सैल स्वभाव या चिड़चिड़ापन
बिना नशे के बेचैनी या घबराहट महसूस होना
💡 क्या करें?
➡ कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें – यह मानसिक तनाव को कम करता है।
➡ सोने और जागने की सही दिनचर्या अपनाएं।
4. नशे की लत (Addiction) – नियंत्रण से बाहर स्थिति
यह सबसे खतरनाक चरण होता है, जहां नशा व्यक्ति की जरूरत बन जाता है। बिना नशे के वह असहज महसूस करता है और उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने लगते हैं।
📌 लक्षण:
बार-बार नशा करना, भले ही उसके बुरे प्रभाव पता हों
रिश्तों और करियर पर नकारात्मक असर
बिना नशे के डिप्रेशन, अनिद्रा, और घबराहट
💡 क्या करें?
➡ भ्रामरी प्राणायाम और शवासन करें – यह दिमाग को शांत करता है।
➡ आध्यात्मिक उपाय अपनाएं: गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
नशे से बाहर निकलने के लिए आयुर्वेदिक और प्राकृतिक समाधान
अगर कोई व्यक्ति नशे की लत में फंस चुका है, तो उससे बाहर निकलना मुश्किल ज़रूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं। योग, प्राणायाम और प्राकृतिक चिकित्सा से यह संभव है।
✅ योग और प्राणायाम:
✔ सूर्य नमस्कार – शरीर को डीटॉक्स करता है
✔ अनुलोम-विलोम – मस्तिष्क को शांति देता है
✔ कपालभाति – फेफड़ों और नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है
✔ शवासन – मानसिक तनाव को कम करता है
✅ आयुर्वेदिक उपचार:
✔ गिलोय, अश्वगंधा और ब्राह्मी – नर्वस सिस्टम को मजबूत करते हैं
✔ त्रिफला और तुलसी का सेवन – शरीर को साफ करता है
✔ नींबू-पानी और नारियल पानी – शरीर को हाइड्रेट रखता है
✅ लाइफस्टाइल बदलाव:
✔ सही दिनचर्या बनाएं – जल्दी उठें, जल्दी सोएं
✔ हेल्दी डाइट अपनाएं – ताजे फल, हरी सब्जियां और सूखे मेवे खाएं
✔ मोबाइल और नशे से दूरी बनाएं
नशा छोड़ने के लिए मदद लेना कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत है!
अगर कोई व्यक्ति नशे में फंस चुका है, तो उसे बाहर निकालने के लिए परिवार, दोस्त और समाज का सहयोग बहुत ज़रूरी है। नशा मुक्ति केंद्र (De-Addiction Centers) और योग-प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र भी इसमें मददगार साबित हो सकते हैं।
> “नशा करने में मज़ा कुछ दिन का होता है, लेकिन पछतावा ज़िंदगीभर का!”
अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इस समस्या से जूझ रहा है, तो सही कदम उठाइए। योग, प्राणायाम और प्राकृतिक चिकित्सा से नशे की लत को मात दी जा सकती है।
📢 आपका एक कदम किसी की ज़िंदगी बदल सकता है! इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि यह किसी जरूरतमंद तक पहुंच सके।
📌 (डॉ. नवीन वागद्रे, लेखक, यूट्यूब,स्वास्थ्य विशेषज्ञ और योग-प्राकृतिक चिकित्सा के जानकार हैं। वे स्वास्थ्य जागरूकता के लिए कार्य कर रहे हैं। उनकी किताब “सीड्स सेहत और जीवन का संगम” अमेज़न पर उपलब्ध है।)