सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन विभिन्न धार्मिक प्रसंग सुनाए, भजनों की प्रस्तुति पर भक्तगण आत्मविभोर होकर झूम उठे

Completion of seven days Shrimad Bhagwat KathaNarrated various religious contexts, the devotees danced in ecstasy on the presentation of bhajans.

नवील वर्मा

 

 

शाहपुर। नगर के बरबटपुर में गंगाप्रसाद मिश्रा द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का रविवार को समापन हुआ। कथा व्यास भागवताचार्य संजीव मिश्रा महाराज ने व्यासपीठ पर विराजमान होकर भागवत कथा का श्रवण कराया। श्रीमद्भागवत कथा में विभिन्न धार्मिक प्रसंग सुनाए गए। साथ ही भजनों की प्रस्तुति से भक्तगण आत्मविभोर होकर झूम उठे। इसके साथ ही श्रीमद्भागवत कथा का गुरुवार को समापन हुआ। भगवान श्रीकृष्ण के वात्सल्य व असीम प्रेम के अलावा उनके

द्वारा की गई विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के समापन दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण की सर्वोपरि लीला रासलीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसवध, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायकों ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के

लिए विवश कर दिया। इस कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरूषों भक्तों ने आनंद उठाया। उन्होंने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा। जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। कथा के पश्चात आरती की गई व सभी भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की।

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