आदेश के बावजूद भैंसदेही शासकीय महाविद्यालय का स्वतंत्रता सेनानी वीर रामजी भाऊ कोरकू के नाम नही हुआ नामकरण
अब जयस व आदिवासी समाज गांव-गांव चलाएगा हस्ताक्षर अभियान, मांगेंगे समर्थन
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बैतूल। भैंसदेही के शासकीय महाविद्यालय का नाम रामजी भाऊ कोरकू के नाम किए जाने की मांग आदिवासी समाज कई वर्षों से कर रहा हैं, लेकिन आज दिनांक तक शासकीय महाविद्यालय का नामकरण नहीं किया गया है। इसके विरोध में कोरकू समाज एवं जयस के द्वारा आदिवासी देवस्थल गुप्तवाड़ा में बैठक आयोजित कर भैंसदेही शासकीय महाविद्याल का नाम रामजी
भाऊ कोरकू के नाम से किए जाने हस्ताक्षर अभियान चलाए जाने की शुरुआत की गई। सर्वप्रथम आदिवासीयों ने आराध्य देव काला बाबा की पूजा अर्चना कर बैठक की शुरुआत की।इसके बाद युवाओ एवं पदाधिकारियों ने बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश संयोजक जामवंत सिंह कुमरे ने कहा भैंसदेही के महाविद्यालय का नामकरण किए जाने 8 फरवरी 2023 को अपर सचिव मुख्यमंत्री, 17 फरवरी को उपसचिव मप्र शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, 10 मार्च को अपर सचिव मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पत्र जारी किया गया। कलेक्टर बैतूल द्वारा 17 मार्च को प्राचार्य शासकीय
महाविद्यालय भैंसदेही को भी पत्र जारी कर आदेशित किया, बावजूद अब तक नामंकरण नहीं किया गया है। समस्त आदिवासियों में आक्रोश है। अब जयस एवं कोरकू समाज संघठन के द्वारा वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामजी भाऊ कोरकू हेतु हस्ताक्षर अभियान की शुरुवात की गई एवं नामकरण
अभियान में क्षेत्रीय पंच, सरपंच एवं सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
इसके अलावा भैंसदेही क्षेत्र (मध्यभारत) के स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों टंटू संभाजी कोरकु, निपन्या,लक्ष्मण आत्माराम महाले, एच रॉबर्ट हटेसिह,बाबूराव माणिकराव झरबड़े, जैयाराम राघोजी, निम्बाजी आत्माराम महाले, मदन गोविंदराव जोशी के
जयस्तंभ (भैंसदेही) पर माल्यार्पण कर श्रधांजलि दी जावेगी, उन्हें भी इस मुहिम के माध्यम से नई पहचान दिलाने का प्रयास किया जायेगा
महादेव बेठे को इस अभियान का समिति अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा वर्तमान की जनभागीदारी समिति को भंग किया जाकर उसका पुनर्गठन किया जाये एवं समिति में समाज
के सक्रिय कार्यकर्ताओं को सदस्य बनाया जाये।
–जब तक नहीं होगा नामकरण जारी रहेगा अभियान–
बैठक में शामिल जिला पंचायत सदस्य रामचरण इरपाचे ने कहा भैंसदेही महाविद्यालय का नाम शहीदों के नाम नही किया जाना आदिवासी समाज का अपमान है, प्राचार्य द्वारा कलेक्टर की सीधे अनदेखी की जा रही है।
बैठक में बिरसा क्रांति दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय कवडे ने भी बैठक में एवं पत्र के माध्यम के माध्यम से सहमति प्रदान की। सोनू पानसे सामाजिक कार्यकर्ता व महामंत्री ने कहा आदिवासी क्रांतिकारी का अपमान नही सहेंगे, अब तक तो कलेक्टर महोदय द्वारा प्राचार्य को निलंबित कर देना चाहिये
बैठक में जयस प्रदेश संयोजक जामवंत सिंह कुमरे, जिला
पंचायत सदस्य रामचरण इरपाचे, रमेश (सोनू ) पांसे, सामाजिक कार्यकर्त्ता महादेव बेठे, शम्भू गोंड धुर्वे, पूर्व जनपद सदस्य भीमपुर, संतोष कुमरे, अमृत सरियाम, प्रभु कासदे, अरविन्द मसराम, मोहनलाल वर्ती, उमेश वटके(सरपंच), पिंटू भुसुमकर (सरपंच), सुंदरलाल सोलंकी, जय आहके,नीलेश धुर्वे सहित अन्य सामाजिक बंधु मौजूद रहे।