अंबेडकर एक नाम ही नही बल्कि सामाजिक समरसता की विचारधारा है
देश अंबेडकर के संविधान पर चलकर ही विश्व पटल पर छा रहा है.
*देश के वर्तमान परिपेक्ष्य मे डॉ. भीमराव अंबेडकर केवल एक नाम ही नही बल्कि एक विचारधारा बन रही है. उनकी विचारधारा ने ही देश को आज अनेकता मे एकता के रूप में खड़ा किया है. डा. अंबेडकर की विचारधारा के बल पर ही आज देश में सामाजिक समरसता का निर्माण हुआ है. संविधान निर्माता के रूप में डा. अंबेडकर ने देश को जो एक लिखित संविधान की पुस्तिका भेंट की है उसके परिपालन से ही भारतवर्ष विश्व पटल पर खड़ा है . यह विचार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जन अभियान परिषद की चिचोली ब्लाक इकाई द्वारा बालाजी महाविद्यालय मे आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में क्षेत्र के शिक्षाविद जितेन्द्र निगम ने व्यक्त किए.*
*उन्होंने डॉ. अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने के बावजूद भी देश के वंचित, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मुख्यधारा मे जोड़ने की चिंता के कारण ही उन्हे संविधान निर्माण के लिए गठित मसौदा समिति का अध्यक्ष और बाद मे देश के आजाद भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया गया . डॉ अंबेडकर न केवल एक बेहतर कानूनविद थे बल्कि एक बेहतर अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और चिंतक विचारक भी थे.*
*कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए जिला भाजपा के उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि शंकरराव चढ़कर ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद करते हुए कहा कि कमजोर वंचित एवं शोषित वर्ग के अंतिम व्यक्ति तक विकास की मुख्यधारा को पहुंचाना ही डॉक्टर अंबेडकर का सपना था जिसे जन अभियान परिषद अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से जमीनी स्तर पर साकार कर रही है. जन अभियान परिषद के माध्यम से ही विभिन्न योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्रों मे क्रियान्वयन करा कर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है . श्री चढ़ोकार ने बताया कि डॉ अंबेडकर किसी विशेष वर्ग या जाति का ही नहीं बल्कि संपूर्ण समाज और देश का प्रतिनिधित्व करते थे. उनकी विचारधारा मे कहीं भी सामाजिक भेदभाव दिखाई नहीं देता.*
*कार्यक्रम में उपस्थित जन अभियान परिषद की जिला समन्वयक प्रिया चौधरी ने भी डॉ अंबेडकर के योगदान को याद किया. उन्होंने बताया कि देश के संविधान मे डॉक्टर अंबेडकर के अमूल्य योगदान के कारण ही संपूर्ण देश में एक जैसा संविधान लागू होकर देश विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है . उन्होंने बताया कि आजादी के अमृत काल में जन अभियान परिषद देश की आजादी और समाज के लिए अपना अमूल्य योगदान देने वाले महापुरुषों की जन्म जयंतियाँ मना कर उन्हें अविस्मरणीय बनाने का प्रयास कर रहा है . जन अभियान परिषद का यह भी प्रयास है कि हमारे देश के महापुरुषों को युवा वर्ग हमेशा याद रखें , उनके अमूल्य योगदान को जाने और उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण करें.*
*इसके पूर्व कार्यक्रम मे आमंत्रित सभी अतिथियों ने मां सरस्वती एवं डॉ. अंबेडकर के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस मौके पर बालाजी महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए. कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य राजेंद्र निगम. वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र दुबे, जन अभियान परिषद के रूपेश आर्य, पवन मालवीय, स्वप्निल आर्य , मुकेश नागवंशी, सुमित आर्य के अलावा बड़ी संख्या मे जन अभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों, नवांकुर समितियों के कार्यकर्ताओं के साथ बालाजी महाविद्यालय के छात्र छात्राएं और प्राध्यापक मौजूद रहे.*