भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मई को समाप्त हुए सप्ताह में 4 अरब 83 करोड़ डॉलर बढ़कर 651 अरब 50 करोड़ डॉलर के अब तक के उच्चतम स्तर पर

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मई को समाप्त हुए सप्ताह में 4 अरब 83 करोड डॉलर बढ़कर 651 अरब 50 करोड डॉलर के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

आज मुंबई में मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद संवाददाता सम्‍मेलन में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश का बाहरी क्षेत्र लचीला बना हुआ है। चालू खाता घाटा, जीडीपी अनुपात में बाहरी ऋण और शुद्ध अंतरराष्ट्रीय निवेश की स्थिति में सुधार का संकेत देते हुए श्री दास ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि रिजर्व बैंक बाहरी वित्‍तीय पूंजी आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर लेगा।

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के लिए चालू खाता घाटा, सेवाओं के निर्यात और कम व्यापार घाटे की मदद से अपने स्थायी स्तर के भीतर रहने की संभावना है। प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के बारे में श्री दास ने कहा कि भारत पिछले वर्ष एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ग्रीनफील्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य के रूप में बना हुआ है।

इस बीच रिजर्व बैंक की एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा परिसम्‍पत्ति 5 अरब 65 लाख डॉलर बढ़कर 572 अरब 56 करोड डॉलर हो गई है। हालांकि, इसी सप्ताह में स्वर्ण भंडार 21 करोड 20 लाख डॉलर कम होकर 5 अरब 50 करोड़ डॉलर पर पहुँच गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ देश का विशेष आहरण अधिकार भी एक करोड 70 लाख डॉलर घटकर 18 अरब 11 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया।

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