यात्रीगण कृपया ध्यान दे उद्घोषणा जब सेवानिवृत्त कार्यक्रम में गूंजी* *रेल्वे स्टेशन के क्रियाकलापो को मंच पर सजीव चित्रण किया*
Amla news :आज आमला में सेवानिवृत्त कार्यक्रम का अनूठा नजारा देखने को मिला।आयोजन स्थल रेल्वे स्टेशन जैसा सजा हुआ था और ट्रेन के आगमन की उद्घोषणा अनाउंसमेंट रेल्वे स्टेशन जैसा हो रहा था।अवसर था आमला निवासी दीपक वराठे सीनियर टेक्नीशियन टी आर एस इलेक्ट्रिक लोको शेड अजनी नागपुर के रेल सेवा से सेवानिवृत्त कार्यक्रम का।आमला के माथनकर लान में रेलवे स्टेशन जैसा सेट बनाया गया था।
आने वाले अतिथियों को पहले काउंटर से रेल्वे टिकट की प्रतिकृति दी गई इस टिकट पर सीट अलॉट मेन्ट लिखा था इसके अनुसार अतिथिगण अपनी निर्धारित सीट पर बैठे इसके पश्चात टी सी के रूप में बने हुए ने सभी की टिकट चेक की ओर सभी का अभिवादन किया।तत्पश्चात दीपक वराठे एवं रेखा वराठे दम्पत्ति ने सभी का अभिवादन कर स्वागत किया इसके पश्चात कार्यक्रम शुरू हुआ।स्टेशन के अनाउंसमेंट के बीच कार्यक्रम शुरू हुआ दीपक वराठे ने अपनी रेल सेवा के वृतांत को बताते हुए कहा कि
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उन्होंने रेल सेवा की शुरुवात 23 जनवरी 1989 कलकत्ता से की थी और लंबे समय रेल सेवा करने के बाद 30 अप्रैल 2023 को रेल सेवा से सेवानिवृत्त हुआ।समाजसेवी रेखा वराठे जो समाजसेवी के रूप में काम करती है और ये लंबे समय तक कुंबी समाज संग़ठन की अध्यक्ष भी रह चुकी है।रेखा वराठे ने कहा कि वराठे जी के रेल सेवा में लंबे समय कार्य करने के बाद ऐसा विचार आया कि रेल सेवा से सेवानिवृत्ति के कार्यक्रम को भी रेल्वे को समर्पित आयोजन का रूप दिया जावे और इस प्रकार रेल्वे स्टेशन का सेट बनाकर रेल्वे के क्रिया कलापों के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन हुआ
मंच पर साज सज्ज़ा भी ट्रेन के इंजन और डिब्बे के अनुसार सजाया।पूरे सांस्कृतिक कार्यक्रम को एक हमसफ़र एक्सप्रेस की सुंदर यात्रा के अनुसार सजाया और आनंद भवन आमला से शुरू हुई कार्यक्रम रूपी ट्रेन चल पड़ी तथा प्रत्येक स्टेशन पर रुकती गई और हर स्टेशन पर एक एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम परिवार जनों ने प्रस्तुत किया।उल्लेखनीय है कि दीपक वराठे और रेखा वराठे दम्पत्ति के पुत्र पुनीत वराठे,पुत्री प्रेरणा वराठे और देवयानी वराठे तथा दामाद एम के सराटकर (एस एस ई सी एंड डब्लू रेल्वे पनवेल मुम्बई) ने अनूठे अंदाज़ में रेलवे पहचान के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
एक स्टेशन पर वराठे दम्पत्ति ने विवाह की 30 वी वर्षगांठ का केक भी काटा।कार्यक्रम की समाप्ति पर ट्रेन अपने गंतव्य पर रुकी इसके बाद यात्री रूपी अतिथियों ने अपने यात्रा वृतांत को साझा किया और अनुभव सुनाए।इसके पश्चात सभी ने स्टेशन पर बने भोजनालय के सेट पर भोजन किया।
उपस्थित अतिथियों ने पूरे कार्यक्रम के दौरान ट्रेन की यात्रा का अनुभव किया।अपने आप मे इस अनूठे आयोजन की पूरे शहर में चर्चा हो रही है।रेल्वे को समर्पित इस आयोजन को सभी ने सराहा।
दीपक वराठे ओर रेखा वराठे के पुत्र पुत्रियों और दामाद ने वराठे जी के सेवानिवृत्त कार्यक्रम की परिकल्पना रची और पुत्री देवयानी वराठे की सोच ने इसे साकार किया।कार्यक्रम के उद्घोषक के रूप में मनोज विश्वकर्मा ने मंच संचालन किया।इस अनूठे कार्यक्रम की सभी ने सराहना की।
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