kuno : यहाँ कल प्रधानमंत्री छोडेंगे चीते : वीडियो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को प्राकृतिक वास में छोडेंगे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीता परियोजना के अंतर्गत कल मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को प्राकृतिक वास में छोडेंगे। बड़े मांसाहारी जंगली जानवरों के अंतर-महाद्वीपीय स्‍थानांतरण की यह विश्‍व की पहली परियोजना है। इन चीतों को एक समझौता ज्ञापन के तहत नामीबिया से लाया गया है। यह परियोजना चीतों के प्राकृतिक वास को पुनर्जीवित करने और भारत के वन्य जीवन में विविधता लाने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों का हिस्सा है। 1952 में भारत में चीतों के विलुप्त होने की घोषणा की गयी थी।
प्रधानमंत्री मध्‍यप्रदेश के श्‍योपुर में कराहल में स्‍व-सहायता समूह के सम्‍मेलन में भी शामिल होंगे। दीनदयाल अन्‍तयोदय योजना-राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अर्न्‍तगत महिलाओं के हजारों स्‍व-सहायता समूह सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेंगे। श्री मोदी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत जनजातीय समूहों के लिए कौशल केन्‍द्रों का उदघाटन करेंगे।

अफ्रीकन चीतों का नया घर मध्यप्रदेश का कूनो नेशनल पार्क…
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प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा

मैं मध्यप्रदेश का सौभाग्य मानता हूं कि हम टाइगर स्टेट थे, लेपर्ड स्टेट हैं और अब चीता स्टेट भी होने वाले हैं।

मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी को और भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं।

हमने 20 साल पहले कूनो को तैयार किया था कि यहां वाइल्डलाइफ पनपेगी।

हमने कई गांव हटाए थे ताकि वह सुरक्षित सैंक्चुअरी बने।
जहां चीते आएं और बाकी तरह के वाइल्डलाइफ भी रहे।

अब वह सपना साकार हो रहा है, संकल्प पूरा हो रहा है।

नामीबिया से चीते आ रहे हैं और उसके बाद दक्षिण अफ्रीका से भी आएंगे।

चीते आना एक असाधारण घटना है। मैं असाधारण इसलिए कह रहा हूं क्योंकि हमारे देश में चीते का अस्तित्व 1952 के आसपास समाप्त हो गया था। पर अब दूसरे महाद्वीप अफ्रीका से चीते लाकर उनको यहां पुनर्स्थापित कर रहे हैं। यह वाइल्डलाइफ की इस सदी की सबसे बड़ी घटना है।

हम दूसरे महाद्वीप से चीतों को लाकर यहां बसाएंगे, फिर कोशिश करेंगे कि चीते का परिवार बढ़ता रहे। चीता आना एक विलुप्त होती प्रजाति को फिर से पुनर्स्थापित करने का प्रयास तो है ही, लेकिन यह पर्यावरण का संतुलन भी बनाएगा और वाइल्डलाइफ भी समृद्ध होगी।

केवल इतना ही नहीं, इस क्षेत्र व श्योपुर जिले में और उसके आसपास भी रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। चीते अभी पहुंचे नहीं हैं,लेकिन जमीन की कीमतें अभी कई गुना ज्यादा बढ़ गई हैं। होटल,रिसोर्ट लगेंगे, छोटे-मोटे काम धंधे चालू होंगे, तो उस इलाके की तस्वीर ही बदल जाएगी।

सचमुच में अद्भुत घटना है यह!

मैं चीतों का मध्यप्रदेश की धरती पर स्वागत करता हूं।

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