“दल-बदल फेहरिस्त में एक और बड़ा नाम” “दीपक ने थामा भाजपा का दामन”

मनोज गढ़वाल

 

परासियाः- अगामी लोक सभा चुनाव पूर्व जिले में चल रही दल-बदल की राजनीति में भाजपा ने

कांग्रेस की जड़े हिला कर रख दी है, कमलनाथ के सारथी पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने भी भोपाल में हजारों

समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया जिले में पिछले कुछ समय से अनेकों कांग्रेस के कददावर

एवं जनाधार वाले नेताओं ने कमलनाथ का साथ छोड़ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है, कांगेस को

इस लोकसभा चुनाव में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जिन कांगेस नेताओं ने हाल

ही में भाजपा का हाथ थामा है उनमें मुख्य रूप से चौरई पूर्व विधायक गंभीर सिंह, अमरवाड़ा वर्तमान

कांगेस के प्रतिनिधि कमलेश शाह, क्विनद मेयर विकम अहाके, दीपक सक्सैना के पुत्र अजय सक्सैना,

अशोक चौकसे मुख्य रूप से जिले के कददावर नेता एवं प्रोटेम स्पीकर रहें पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना का

नाम है दीपक सक्सेना ने अपने हजारो समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता लेली है. इसके अलावा भी

विभिन्न क्षेत्रों से खास कर जिले से भी अनेक पार्षदों सभापति एवं कई नामी कांगेस नेताओं ने अपने

समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ली है। अगामी चुनावों में इसका खासा असर कांग्रेस के चुनाव

परिणाम में देखने को मिल सकता है। कांगेस के बड़े दिग्गजों का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए घातक

साबित होगा अब इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प तो हो ही गया है वही जिले के कांग्रेस प्रत्याशी

नकूलनाथ एवं उनके पिता कमलनाथ की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है। डॅमेज कन्ट्रोल के लिए

कमलनाथ के सारे प्रयास नाकाफी साबित हुए और उनके सिपाह सलार सारथी कहे जाने वाले दीपक

सक्सेना ने अततः भाजपा की सदस्यता लेकर इस चुनाव को काफी दिलचस्प बना दिया है भाजपा द्वारा

तैयार की गई रणनीति शत प्रतिशत यहाँ सफल नजर आ रही है वहीं कमलनाथ के लिए इस चुनाव की

मतदान तिथि तक कांटे का बनाए रखना एवं कांग्रेसियों के हौसले को बनाए रखने की भी चुनौती खड़ी हो

गई है। हॉलाकि लोकसभा चुनाव के लिए जिले के मतदाता हमेशा से ही कमलनाथ के समर्थन में मतदान

कर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करते रहे हैं, किन्तु वर्तमान परिस्थिति एवं कांग्रेस के जनाधार वाले नेताओं

का भाजपा के पक्ष में जाना इस मुकाबले को रोचक बना दिया है। प्रचार माध्यम में भाजपा कांग्रेस दोनों ही

दल भरपूर शक्ति लगा रहें, मध्यप्रदेश भाजपा सरकार की योजनाओं एवं केन्द्र की मोदी सरकार की

कल्याणकारी योजनाओं के दम पर भाजपा अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रही है वही कमलनाथ अपने

44 वर्षों के कार्यों एवं पारिवारिक सम्बंधों तथा जिले में किए विकास कार्यों को लेकर जन समर्थन मांग रहे

हैं. मुकाबला रोचक हो गया है अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी लेकिन भाजपा के प्रयास कांग्रेस के अन्य

कददावर नेताओं को अपने पाले में करने के लगातार जारी है कुछेक नाम अभी भी चर्चा में बने हुए है जो

भाजपा की बड़ी सभाओं के लिए रोके गए हैं भाजपा अपने पत्ते खोलकर कांगेस को आगे भी झटके दे

सकती है |

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