आजीविका मिशन जैसी योजना न आई होती तो मैं कभी भी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ा पाती : शिवकली

*खुशियों_की_दास्तां*

*असाड़ी की शिवकली ने खरीदा डीजे*

*समूह के माध्यम से चला रही है राशन दुकान*

*फोटोकॉपी मशीन से भी हो रही है आमदनी*

*जिले के विकासखंड चिचोली के ग्राम असाढ़ी निवासी शिवकली कवड़े ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुडक़र न सिर्फ स्वयं के लिए रोजगार की राह बनाई, बल्कि अपने परिवार के लोगों को भी रोजगार से लगाया। पहले बमुश्किल पति की मजदूरी से घर चलाने वाली शिवकली अब स्वयं की कमाई से अपनी गृहस्थी का संचालन कर रही है। आजीविका मिशन से जुडक़र शिवकली ने मजदूरी करने वाले अपने पति को डीजे साउंड सिस्टम का मालिक बना दिया है।*

*शिवकली बताती है कि उनके पति जगदीश कवड़े मजदूरी एवं कृषि का कार्य करते थे। मजदूरी से जो भी कमाते थे उससे परिवार चलाना तो दूर बच्चों का पालन पोषण भी अच्छे से करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। उससे परिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। जिसकी वजह से साहूकारो एवं प्राईवेट समूह से ब्याज पर कर्ज लेकर खर्चा चलाना पड़ रहा था। दिसंबर 2017 में उसे आजीविका मिशन के माध्यम से जानकारी मिलने पर वह स्व सहायता समूह से जुड़ी। शिवकली की मेहनत एवं लगन को देखते हुए उसे शिवशक्ति आजीविका स्व सहायता समूह का अध्यक्ष भी सर्वसम्मति से चुन लिया गया। समूह से जुडऩे के बाद पहली बार 30 हजार रुपए का ऋण प्राप्त किया। इस राशि से उसने फोटोकॉपी मशीन खरीदी और अपनी दुकान का कार्य प्रारंभ किया। उसके शिवकली ने पुन: 80 हजार की राशि समूह से ऋण के रूप में प्राप्त कर पति जगदीश कवड़े के लिये डीजे साउंड सिस्टम खरीदा। शिवकली का यह कार्य सुचारू रूप से चलने लगा। वर्तमान में शिवकली को 12 से 15 हजार तक की मासिक आमदनी प्राप्त होती है । इस आमदनी से शिवकली नियमित रूप से समूह से लिये गये ऋण की किस्त हर महीने अदा कर रही है। शिवकली बताती है कि वे अब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रही है। बच्चों का पालन पोषण और घर का खर्च भी आसानी से चल जाता है। शिवकली अपने काम से बहुत खुश है कि अगर आजीविका मिशन जैसी योजना न आई होती तो मैं कभी भी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ा पाती।*

*शिवकली की यात्रा यहीं खत्म नहीं हुई, शिवकली ने अपने ग्राम संगठन से जुड़े सभी गरीब परिवारों को गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकालने का संकल्प लिया है। वर्ष 2018 में शिवकली के द्वारा ऑनलाइन राशन दुकान का आवेदन किया गया। शासन के द्वारा उनके समूह को राशन दुकान का कार्य प्राप्त हुआ। शिवकली के अतिरिक्त तीन अन्य सदस्य भी राशन दुकान में कार्य कर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। जिसके फलस्वरूप राशन दुकान से समूह के चारों सदस्यों को पांच-पांच हजार रुपये मासिक आमदनी हो रही है। शिवकली अपने समूह के माध्यम से राशन दुकान का संचालन कर रही है जिसके कारण शिवकली का परिवार हंसी-खुशी के साथ अपना जीवन यापन कर रहा है।*

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