भाजपा ने भी जताया महतो पर भरोसा
भांग पार्टी में लिया घोड़ाडोंगरी विधानसभा जीतने का संकल्प
भाजपा में कौन होगा अगला मंडल अध्यक्ष की चर्चा पर उस समय विराम लग गया। जब रंग पंचमी पर आयोजित भांग पार्टी में सूचना मिली की वर्तमान मंडल अध्यक्ष राजेश महतो को पुनः मंडल अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है की कांग्रेस द्वारा जुवाड़ी के किसान नेता नरेंद्र महतो को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी गई है । भाजपा ने भी किसानों का विश्वास जीतने के लिए कांग्रेस की रणनीति अपनाते हुए जुवाड़ी के किसान राजेश महतो पर विधानसभा चुनाव की बागडोर देते हुए पुन: अध्यक्ष बना डाला। वही क्षेत्र के भाजपा नेता विशाल बत्रा का भी इसमें हाथ माना जा रहा है । माना जा रहा है कि नगर परिषद चुनाव में राजेश महतो को भी पता चल गया है कि किसका पलड़ा भारी रहता है । उस हिसाब से सामंजस्य बनाकर उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। भाजपा मंडल अध्यक्ष होने के नाते सभी से तालमेल बिठाने का उनका प्रयास के कारण उन्हें जवाबदारी पुनः सौंपी गई है ।
भाजपा घोड़ाडोंगरी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नए चेहरे पर जोर दे रही है। इसके लिए भाजपा के युवा आदिवासी नेताओं ने G10 बनाया है। इधर पहली बार गठित नगरपरिषद के पार्षदों में से विधायक बनवाने के लिए भाजपा कॉंग्रेस के सभी 15 पार्षदों के एकजुट होने की खबर है। इसके लिए सीएमओ बीके शर्मा और संजू साहू की मौजूदगी में नगर परिषद का विशेष सम्मेलन बुलाकर सबसे पहले सभी 15 पार्षदों को ठंडाई की कसम खिलाकर एकजुट रहने का संकल्प दिलाया गया और फिर बकायदा एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इसमें भाजपा की विधानसभा प्रत्याशी के लिए वार्ड 7 की पार्षद और भाजपा के दिग्गज नेता रामजीलाल उइके परिवार की बहू श्रीमति नेहा दीपक उइके का नाम प्रस्तावित किया गया है जबकि कॉंग्रेस की विधानसभा प्रत्याशी के लिए घोड़ाडोंगरी कॉंग्रेस के सबसे बड़े आदिवासी नेता पूर्व सरपंच नंदकिशोर उइके की पत्नी और वर्तमान में नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती मीरावंती उइके का नाम प्रस्तावित किया गया है। इससे उत्साहित नेहा उइके ने G10 में शामिल होने की घोषणा कर डाली है। बताया जाता है लाडली बहना योजना से उत्साहित घोड़ाडोंगरी विधानसभा की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने उनके चुनाव में बढ़चढ़कर सहयोग करने का आश्वासन दिया है। जबकि कॉंग्रेस से मीरावंती उइके की दावेदारी से कुछ कॉंग्रेसी टेंशन में आ गए हैं। लेकिन नंदू भैया ने भी कह दिया है कि पार्षदों की इच्छा का सम्मान करने के लिए पूरा प्रयास करेंगे और मीरावंती उइके को विधायक बना कर ही दम लेंगे।
भंग की तरंग में डूबे लोगों ने बताया कि घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र का इतिहास रहा है कि यहां की जनता पढ़े-लिखे और नए चेहरे पर ज्यादा भरोसा करती है। अभी तक देखा गया है कि नए चेहरों को जीत मिलने के चांस ज्यादा रहते हैं। घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर रहती है। मात्र कुछ हजार वोटों से जीत का अंतर रहता है। पिछले बार के हार को लेकर नेताओं ने कहा कि पूरे प्रदेश में परिवर्तन की लहर थी । जिले में 5 में से 4 सीटें भाजपा हार गई। जिले के बड़े दिग्गज चुनाव हार गए।
भांग पार्टी का असर कांग्रेस में भी सुनाई दे रहा है भांग पार्टी में से मिली खबरों के अनुसार कांग्रेस भी चुनाव जीतने के लिए इस बार नए चेहरे पर दाव खेलने के मूड में है। कांग्रेसियों का भी मानना है कि नया चेहरा होगा तो चुनाव में आसानी होगी । घोड़ाडोंगरी क्षेत्र का मतदाता बड़ा ही परिवर्तनशील प्रवृत्ति का है सबको मौका देता है। ऊंट किस करवट बैठ जाए पता नहीं चलता। ऐसे में भाजपा के लोग जहां कांग्रेस की नीति को अपनाते हैं वहीं कांग्रेसी भी भाजपा के नए चेहरे पर जोर लगाए बैठे हैं । नगर परिषद चुनाव में और जनपद चुनाव में जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों की जीत की वजह से कांग्रेसियों के भी हौसले बुलंद है ।
इस बार नगर परिषद शाहपुर में कांग्रेस और भाजपा को मिली शिकस्त से कांग्रेसी भी चिंतित हैं और भाजपाइयों को भी उम्मीद है की कांग्रेस की स्थिति वहां खराब हुई है। भांग पार्टी में पहुंचे जिले के भाजपा नेताओं ने घोड़ाडोंगरी भाजपा के सभी गुटों को खुलकर बिना नाम लिए कहा की भितरघात मत करना ।घोड़ाडोंगरी के भीतरघात की रिपोर्ट भोपाल तक पहुंच चुकी है। अपनी पार्टी के लोग हार जाते हैं। वही जी – 10 के लोग भी इस भांग पार्टी में अपना गुट बनाकर बैठे रहे। जिसको लेकर भी जिले के नेताओं ने कटाक्ष किया की मानते हैं कि जी – 10 से प्रदेश स्तर पर घोड़ाडोंगरी मैं एकजुटता का संदेश गया है । लेकिन क्या यह एकजुटता टिकट घोषित होने पर रह पाएगी। अगर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति अपने ही हाथों में लेना चाहते हो तो चुनाव के बाद भी है एकजुटता बरकरार रखना। इस तरीके से जी – 10 बनाकर घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में प्रत्याशी थोपने की जिले की नेतागिरी खत्म करने पर तुले हुए है।