भोपाल। तक्षशिला इंस्टिट्यूट फॉर चाइल्ड डेवलपमेंट द्वारा 7 दिसंबर को आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में न्यूरोडाइवर्स बच्चों के विकासात्मक, नैदानिक और पोषण संबंधी प्रबंधन पर व्यापक चर्चा हुई। कौसलेया सोशल वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माता-पिता, पुनर्वास विशेषज्ञ, प्रशिक्षु और छात्र जुड़े।
कार्यक्रम में शैक्षिक एवं कार्यक्रम निदेशक रोली मिश्रा ने पूरे आयोजन का मॉडरेशन किया और अपने फाउंडेशनल ओवरव्यू सेशन में ट्रांसडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण तथा साक्ष्य-आधारित समर्थन प्रणालियों की आवश्यकता समझाई।
– डॉ. रोहित जोशी ने बताया मस्तिष्क विकास का वैज्ञानिक आधार
सेमिनार का प्रमुख उद्देश्य ऑटिज़्म, एडीएचडी जैसे न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों के लिए एकीकृत उपचार पद्धति विकसित करना रहा। इस क्रम में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित जोशी ने प्रारंभिक मस्तिष्क विकास, न्यूरोबायोलॉजिकल नींव और साक्ष्य-आधारित बाल चिकित्सा प्रोटोकॉल की भूमिका पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
– क्लिनिकल साइकोफार्माकोलॉजी पर दिया मार्गदर्शन
Psychiatrist एवं Counselor डॉ. रश्मि मोग्हे हिरवे ने क्लिनिकल साइकोफार्माकोलॉजी पर विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। उन्होंने दवाइयों से जुड़े भ्रम, वास्तविकताओं और उनके वैज्ञानिक उपयोग की महत्ता पर स्पष्ट जानकारी प्रदान की।
– पोषण और गट-ब्रेन इंटरफेस पर दी उपयोगी जानकारी
Sr. Clinical Dietitian रश्मि श्रीवास्तव ने अपने सत्र में बताया कि आहार और गट-ब्रेन कनेक्शन किस तरह उपचार प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों में पोषण हस्तक्षेप की महत्वपूर्ण भूमिका को सरल और वैज्ञानिक तरीके से समझाया।
– प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित
सेमिनार के आखिर में डॉ. रोहित जोशी, डॉ. रश्मि मोग्हे हिरवे और रश्मि श्रीवास्तव को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ।







