संपादकीय: [डॉ नवीन वागद्रे] – PCOD/PCOS: संतुलित जीवनशैली और सेहतमंद उपाय
PCOD और PCOS जैसी हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी समस्याएं आजकल कई महिलाओं के जीवन को प्रभावित कर रही हैं। इन स्थितियों में ओवरी में सिस्ट बन जाते हैं, जिसके चलते वजन बढ़ना, अनियमित पीरियड्स, मुंहासे, बाल झड़ना और गर्भधारण में कठिनाई जैसी समस्याएं सामने आती हैं। सही जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
इन हालात से निपटने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि अनावश्यक डिटॉक्स टी और सप्लीमेंट्स से बचा जाए। अक्सर ये शरीर के नैचुरल हार्मोन बैलेंस को बिगाड़ते हैं और उल्टा असर कर सकते हैं। इसके बजाय, शरीर के प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन के लिए नींबू पानी, ग्रीन टी और फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें, जिससे शरीर अंदर से स्वस्थ रहे।
संतुलित आहार अपनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। क्रैश डाइटिंग या फैड डाइट्स से दूर रहकर प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और फाइबर से भरपूर भोजन लें। साबुत अनाज, हरी सब्जियां, कद्दू के बीज, फ्लैक्ससीड्स, दही और सूखे मेवे आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करते हैं और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं। इसके साथ-साथ, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से हल्दी, जामुन और त्रिफला जैसे प्राकृतिक घटकों का भी सेवन फायदेमंद माना जाता है, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
व्यायाम के मामले में अत्यधिक तीव्रता वाले वर्कआउट से बचना चाहिए। उच्च तीव्रता वाले व्यायाम के बजाय हल्की एक्सरसाइज, योग और रोजाना की वॉक अधिक उपयुक्त हैं। नियमित योग अभ्यास, जैसे कि भुजंगासन, मंडूकासन, चक्रासन और प्राणायाम, शरीर में लचीलापन बढ़ाते हैं, मानसिक शांति प्रदान करते हैं और कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को नियंत्रित रखते हैं। इसके अतिरिक्त, ध्यान और डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज तनाव कम करने में अत्यंत सहायक हैं।
दिन भर में पर्याप्त पानी पीना भी बेहद आवश्यक है। कम से कम 2-3 लीटर पानी के साथ-साथ नारियल पानी, हर्बल टी, सूप और डिटॉक्स वॉटर का सेवन करने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और पैकेज्ड स्नैक्स में मौजूद केमिकल्स, प्रिजर्वेटिव्स और अतिरिक्त शुगर से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये आपके हार्मोनल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इसके अलावा, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी जरूरी है। नियमित रूप से मेडिटेशन, डीप ब्रिदिंग और पर्याप्त नींद लेने से न केवल मन शांत रहता है, बल्कि शरीर में हार्मोनल संतुलन भी बना रहता है। संगीत सुनना, किताब पढ़ना, प्रकृति में समय बिताना या हल्की सैर करना जैसे रिलैक्सिंग एक्टिविटीज भी तनाव को कम करने में सहायक होते हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, प्रकृति के साथ जुड़ाव और समय-समय पर सोशल सपोर्ट ग्रुप्स में शामिल होना भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।
एक और महत्वपूर्ण पहलू है नियमित चेक-अप करवाना। डॉक्टर के पास जाकर समय-समय पर हार्मोन स्तर की जांच कराते रहना और आवश्यकतानुसार चिकित्सा सलाह लेना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत कदम उठा सकते हैं।
इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, यह कहा जा सकता है कि PCOD और PCOS जैसी समस्याओं का सामना करने के लिए एक समग्र, सेहतमंद और संतुलित जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। संतुलित आहार, नियमित हल्की एक्सरसाइज, पर्याप्त पानी का सेवन, तनाव मुक्त जीवनशैली और नियमित चिकित्सा जांच से इन समस्याओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे आप एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।