डॉ. नवीन वागद्रे की पुस्तक ‘सीड्स: सेहत और जीवन का संगम’ का भव्य विमोचन, स्वास्थ्य जगत में हो रही सराहना

डॉ. नवीन वागद्रे की पुस्तक ‘सीड्स: सेहत और जीवन का संगम’ का भव्य विमोचन, स्वास्थ्य जगत में हो रही सराहना

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ में 21 अक्टूबर 2024 को अखंड भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह के अंतर्गत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. नवीन वागद्रे और डॉ. मलय जायसवाल की पुस्तक ‘सीड्स: सेहत और जीवन का संगम’ का भव्य विमोचन किया गया। कार्यक्रम मांगल्य प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ, जिसमें सेना के उच्च अधिकारी, प्रमुख राजनेता, वाइस चांसलर, सीईओ सहित 4,000 से अधिक छात्र-छात्राएं और शिक्षक उपस्थित थे। इस भव्य आयोजन ने अपनी विशिष्टता के कारण सभी का ध्यान आकर्षित किया।

पुस्तक ‘सीड्स: सेहत और जीवन का संगम’ विभिन्न बीजों जैसे चिया सीड्स, पम्पकिन सीड्स, फ्लैक्स सीड्स आदि के पोषण और औषधीय गुणों पर आधारित है। इसमें बीजों के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य लाभ और उन्हें दैनिक जीवन में शामिल करने के व्यावहारिक तरीकों पर गहन जानकारी दी गई है, जिससे यह पुस्तक स्वास्थ्यप्रेमियों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हो रही है। अब यह पुस्तक अमेज़न पर भी उपलब्ध है, जिससे इसे और भी अधिक पाठकों तक पहुँचने का अवसर मिल रहा है।

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी एवं बैतूल से सांसद एवं राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने विशेष आशीर्वाद पत्र भेजकर डॉ. नवीन वागद्रे और डॉ. मलय जायसवाल को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई दी। उनकी शुभकामनाओं ने इस पुस्तक की महत्ता को और बढ़ा दिया है, जिससे यह न केवल चिकित्सा क्षेत्र बल्कि समाज के अन्य हिस्सों में भी व्यापक सराहना प्राप्त कर रही है।

डॉ. नवीन वागद्रे, जो बैतूल के छोटे से गाँव गुजरमाल से हैं, ने इस पुस्तक को अपने अध्ययन के दौरान लिखा। यह उनके समर्पण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के प्रयास का प्रत्यक्ष प्रमाण है। पुस्तक विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत लाभदायक है, जो अपने आहार में प्राकृतिक और पौष्टिक तत्वों को शामिल करना चाहते हैं।

इस भव्य पुस्तक विमोचन के साथ-साथ, सुभारती विश्वविद्यालय में अखंड भारत का स्वतंत्रता दिवस भी बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में मेजर जनरल बी. डी. वाधवा (सेवानिवृत्त), श्री पी. एल. मेहता और प्रोफेसर एम. एल. बी. भट्ट ने स्वतंत्रता और अखंड भारत की महत्ता पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में सेना के बड़े अधिकारी, प्रमुख राजनेता, वाइस चांसलर, और सीईओ सहित हजारों लोग शामिल थे। स्वतंत्रता संग्राम के अदम्य साहस का स्मरण किया गया और अखंड भारत की भावना को प्रबल बनाने का संदेश दिया गया।

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