उपवास: एक प्राचीन परंपरा और आधुनिक स्वास्थ्य के लिए वरदान परिचय

उपवास: एक प्राचीन परंपरा और आधुनिक स्वास्थ्य के लिए वरदान

परिचय
उपवास (Fasting) एक प्राचीन परंपरा है, जिसका पालन हजारों वर्षों से धार्मिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य कारणों से किया जा रहा है। यह न केवल आत्मिक शुद्धि का साधन है, बल्कि विज्ञान ने भी इसके अनेक स्वास्थ्य लाभों को प्रमाणित किया है। आज के समय में, उपवास की धारणा केवल धर्म या परंपराओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे एक प्रभावी स्वास्थ्य और वजन प्रबंधन के उपाय के रूप में देखा जा रहा है।

उपवास के प्रकार
आधुनिक जीवनशैली में उपवास के कई प्रकार प्रचलित हैं, जिनमें कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

1. आंतरायिक उपवास (Intermittent Fasting): इस उपवास में व्यक्ति कुछ घंटों तक भोजन नहीं करता और शेष घंटों में खाता है। उदाहरण के लिए, 16/8 विधि में 16 घंटे उपवास किया जाता है और 8 घंटे में भोजन किया जाता है।

2. पूर्ण उपवास (Water Fasting): इस उपवास में व्यक्ति सिर्फ पानी का सेवन करता है। यह शरीर की विषाक्तता (डिटॉक्स) को दूर करने के लिए किया जाता है।

3. व्रत (Religious Fasting): धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाने वाला उपवास, जैसे हिंदू धर्म में एकादशी या मुस्लिम धर्म में रमजान के महीने का रोज़ा।

 

आज के उपवास में गलतियाँ: भर पेट खाना
हालांकि उपवास का उद्देश्य शरीर को आराम देना और आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करना होता है, लेकिन आजकल इसका पालन कुछ लोग सही ढंग से नहीं कर रहे हैं। उपवास के नाम पर कई बार लोग तला-भुना, अत्यधिक कैलोरी युक्त या भारी भोजन करने लगते हैं, जैसे:

1. साबूदाना चिप्स, आलू के पकोड़े, और तली चीजें: ये खाद्य पदार्थ उपवास के दौरान प्रचलित हो गए हैं, लेकिन ये सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनसे न केवल उपवास का मकसद विफल हो जाता है, बल्कि शरीर पर अनावश्यक बोझ भी बढ़ जाता है।

2. अत्यधिक मात्रा में खाना: उपवास तोड़ने के बाद या उपवास के दौरान अधिक मात्रा में भोजन करना, विशेषकर ऐसे भोजन जो पौष्टिक न हो, शरीर के लिए हानिकारक होता है। यह पाचन तंत्र पर दबाव डालता है और वजन बढ़ने का कारण भी बन सकता है।

 

क्या ऐसा करना चाहिए?

उपवास का मूल उद्देश्य है पाचन तंत्र को आराम देना, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालना और संतुलन बनाना। लेकिन जब उपवास के दौरान तला-भुना या भारी भोजन किया जाता है, तो यह उद्देश्य पूरा नहीं होता। इसके बजाय उपवास के दौरान हल्का और पौष्टिक भोजन करना चाहिए, जैसे फल, सब्जियाँ, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ। तली हुई या कैलोरी युक्त चीजों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं और उपवास के स्वास्थ्य लाभों को खत्म कर देती हैं।

उपवास के स्वास्थ्य लाभ

1. वजन घटाने में सहायक: उपवास शरीर में जमा फैट को जलाने में मदद करता है, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है। आंतरायिक उपवास मेटाबॉलिज्म को तेज करता है।

2. पाचन तंत्र को आराम: उपवास के दौरान पाचन तंत्र को विश्राम मिलता है, जिससे शरीर की ऊर्जा विषाक्त पदार्थों को निकालने और कोशिकाओं की मरम्मत में लगाई जा सकती है।

3. इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार: नियमित उपवास से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और टाइप-2 डायबिटीज़ का जोखिम कम होता है।

4. मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार: अध्ययनों से पता चला है कि उपवास मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ावा देता है और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों, जैसे अल्जाइमर, के जोखिम को कम करता है।

5. दीर्घायु में वृद्धि: वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि उपवास से दीर्घायु में वृद्धि हो सकती है और उम्र से संबंधित बीमारियों का खतरा कम होता है।

6. सूजन में कमी: उपवास से शरीर में सूजन को कम करने में मदद मिलती है, जो हृदय रोगों और अन्य गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण है।

 

उपवास के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
उपवास करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:

1. पर्याप्त जल का सेवन करें: उपवास के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है, ताकि निर्जलीकरण से बचा जा सके।

2. हल्का और संतुलित आहार लें: उपवास के बाद भारी भोजन न करें। इससे पाचन तंत्र पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। इसके बजाय, हल्का और पौष्टिक आहार जैसे फल, सब्जियाँ, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें।

3. तला-भुना भोजन न करें: उपवास के दौरान और उपवास तोड़ने के बाद तले हुए या अत्यधिक वसायुक्त भोजन से बचें, क्योंकि यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

4. विशेषज्ञ की सलाह लें: यदि आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो उपवास शुरू करने से पहले डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लें।

 

निष्कर्ष
उपवास एक पुरातन और प्रभावशाली प्रक्रिया है जो न केवल आत्मिक शुद्धि प्रदान करती है, बल्कि शारीरिक रूप से भी लाभकारी है। सही ढंग से और संतुलित आहार के साथ उपवास का पालन करना आपके शरीर और मस्तिष्क के लिए लाभकारी हो सकता है। लेकिन गलत आदतें, जैसे उपवास के दौरान अत्यधिक या अस्वास्थ्यकर भोजन करना, इसके लाभों को नष्ट कर देती हैं। इसलिए उपवास को सही विधि और सावधानी के साथ अपनाना चाहिए, ताकि इसके सभी स्वास्थ्य लाभों का पूरा उपयोग किया जा सके।

लेखक: डॉ. नवीन वागद्रे
BNYS, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ

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