सावित्रीबाई पहले स्वयं शिक्षित हुयी और फिर उनके पति जोतिबा फूले के साथ मिलकर उन्होंने महिलाओं और वंचितों के लिए अनेक शालाएं खोली
सावित्रीबाई फूले द्वारा वर्ष 1848 में महिलाओं और वंचित समुदायों के बच्चों के लिए भारत की पहली पाठशाला प्रारम्भ की गयी और वे भारत की पहली महिला शिक्षक बनी। इस प्रकार उन्होंने हमारे देश की सभी महिलाओं और बहुसंख्यक वंचित लोगों के लिए शिक्षा के द्वार खोले जिनके लिए हजारों वर्षों से शिक्षा प्रतिबंधित थी। शिक्षा के क्षेत्र में उनके इस अतुलनीय योगदान ले लिए, उनके जन्म दिवस 3 जनवरी को हमारे देश में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
सावित्रीबाई पहले स्वयं शिक्षित हुयी और फिर उनके पति जोतिबा फूले के साथ मिलकर उन्होंने महिलाओं और वंचितों के लिए अनेक शालाएं खोली। इसके लिए उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। असमानता पर आधारित समाज से उन्हें अनेक प्रताड़नाएं और अपमान सहना पड़ा पर वे रुकी नहीं और शिक्षा का कार्य निरंतर जारी रखा। सावित्रीबाई बाई एक कवयित्री थी और महिला-पुरुष समानता की प्रणेता थी।
मूवमेंट21 3 जनवरी को प्रति वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाता है और सभी को गुणवत्ता पूर्ण समान शिक्षा प्राप्त हो इस दिशा में निरंतर कार्य करता है।
आज दिनांक ३ जनवरी को पाथाखेड़ा पंचसील बौद्ध विहार पर मूवमेंट21 की इकाई द्वारा उत्साहपूर्ण वातावरण में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया गया। मूवमेंट21 के अनेक सदस्य, उनके परिवार के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में आमजन इस उत्सव का हिस्सा बने। इस अवसर पर अनेक सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये गए जिसमें गायन, नृत्य, लघु नाटिका, क्विज, आदि शामिल थे। बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक लगभग सभी आयु वर्ग के लोग इसमें सहभागी हुए और भरपूर आनंद उठाया। सावित्रीबाई फुले के कार्यों को याद किया गया और उनके अतुल्य योगदान के लिए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गयी। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कुछ शिक्षकों और अन्य व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। ( यहाँ उनके नाम और संक्षिप्त कार्य लिखा जा सकता है)
इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें मूवमेंट21 द्वारा इस कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से तैयार किये गए गाने बजाये गए और और लोगों ने गीत गाकर, नृत्य कर, खुशियां मनायी । इन गानों के माध्यम से सावित्रीबाई फुले के कार्यों के साथ साथ शिक्षा के महत्व, सामाजिक और लैंगिक समानता, सामाजिक सौहार्द और पर्यवरण के संरक्षण की सीख दी गयी है। इस आयोजन की विशेष बात यह रही कि कार्यक्रम समाप्ति के बाद मूवमेंट 21 के सदस्यों ने कार्यक्रम स्थल पर सफाई की और पूर्व से बेहतर और स्वच्छ किया। इस कार्यक्रम की सभी ने खूब सराहना की ।