तहसील मुख्यालय घोड़ाडोंगरी के आसपास रात के अंधेरे में पीले सोने का कारोबार चल रहा है ।रात होते ही क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय हो जाता है। जो सुबह दिन निकलते तक सक्रिय रहता है ।
घोड़ाडोंगरी के समीपस्थ ग्राम बासपुर शिवसागर की तवा नदी से यह रेत का कारोबार संचालित हो रहा है । जो ठेकेदार के लोग संचालित कर रहे हैं। बासपुर रेलवे गेट के पास ठेकेदार के कर्मचारी मुख्य सड़क पर रात भर डेरा डाले रहते हैं ।
यहां की मुख्य सड़क के किनारे की दुकानों को किराए से लेकर यहां ठेकेदार के आदमियों का जमावड़ा रहता है ।जो तवा नदी से रेत भरकर लेकर आने वाले ट्रेक्टर ट्राली चालको डंपर चालको से वसूली के उपरांत ही उन्हें आगे जाने देते हैं ।
एक ट्रैक्टर चालक से प्रति ट्राली ₹700 के हिसाब से भुगतान लिया जाता है। वहीं डंपर चालक से 5000 से ₹8000 तक की वसूली की जाती है। रात के अंधेरे में संचालित हो रहे रेत के इस कारोबार को लेकर लोगों का कहना है कि अगर यह काम वेध है और शासन से ठेका लेकर रेत नदियों से निकाली जा रही है तो दिनदहाड़े रेत माफिया काम क्यों नहीं करता ।
रात के अंधेरे में ही जब सभी लोग सो जाते हैं तब रेत माफिया रात भर जागकर रेत का यह कारोबार क्यों कर रहा है । रेत माफिया के रात भर सक्रिय रहने से और रेत का कारोबार रात के अंधेरे में संचालित करने के कारण क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं।