महाकुंभ : ऐसे करें त्रिवेणी संगम में स्नान
लेटे हनुमान मंदिर और वट वृक्ष वाले स्थान पर पहुंचे और वहां से लगभग दो-तीन किलोमीटर मेले में चलकर त्रिवेणी संगम जिसे संगम नोज भी कहा जाता है
महाकुंभ यात्रा
आस्था के महाकुंभ प्रयागराज में महाकुंभ अपने अंतिम चरण में है । मात्र कुछ ही दिनों बाद यह महाकुंभ का समापन होगा।
उमड़ रहा आस्था का जनसैलाब
अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके महाकुंभ में अभी भी जनता का सैलाब उमड रहा है । आज कुम्भ जाने का क्रेज ट्रेंडिंग में है ऐसा कहा जा सकता है। 144 साल बाद यह महाकुंभ आया है ऐसा प्रचलन में होने के कारण दूर-दूर से लोग महाकुंभ प्रयागराज पहुंच रहे हैं और प्रशासन को भी पांच मार्च तक लोगों के प्रयागराज पहुंचने की संभावना लग रही है । इसलिए पता चला कि ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को भी 5 तारीख तक ड्यूटी रहेगी ऐसा बता रहे थे। प्रयागराज रेलवे स्टेशन पहुंचते ही जब ट्रेन से बाहर देखते हैं तो भीड़ देखकर एक बार तो अच्छे-अच्छे सिहर उठते हैं। लेकिन प्रशासन ने ऐसी व्यवस्थाएं की है कि इन व्यवस्थाओं का पालन करें तो महाकुंभ में स्नान और अन्य घूमना सहज हो जाता है ।
यहां पर कार्यरत पुलिस प्रशासन और अन्य कर्मचारीयो का व्यवहार भी काबिले तारीफ है । आम आदमी भी जब भीड़ देखकर सिहर उठता है और प्रशासन की व्यवस्थाएं देखकर सुकून पाता है तो पुलिस को नमस्ते कर तारीफ करने से नहीं चुकता । कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रशासन की व्यवस्थाओं के अनुरूप चलेंगे तो कर्मचारियों का बहुत ही अच्छा व्यवहार देखने को मिलेगा । वहीं कई लोग जब इन व्यवस्थाओं से बाहर जाते हैं तो उनके साथ हो सकता है कि प्रशासन कड़क रख अपना लेता है।
ट्रेन के हर गेट पर पुलिसकर्मी
ट्रेन से कैसे उतरेंगे यह सोचने में भी अपना समय नहीं खराब करना पड़ता। हर डब्बे के हर गेट पर एक पुलिस वाला तैनात रहता है । जो जब तक उतरने वाले नहीं उतर जाएं। तब तक किसी को चढ़ने नहीं देते । इसलिए सहज रूप से ट्रेन से उतरे हैं । कोई जल्दबाजी न करें । बाहर निकलने के लिए भी लोग जिधर जा रहे हैं उधर ही चले जाएं ।अलग से जाने का प्रयास नहीं करें। हम भी जब प्रयागराज स्टेशन पर पहुंचे तो ट्रेन में चढ़ने के लिए भारी भीड़ मौजूद थी। प्लेटफार्म पर भीड़ होने के अलावा फुट ओवर ब्रिज पर भी काफी बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे । लेकिन प्रशासन की व्यवस्थाएं ऐसी है की आने जाने के लिए अलग-अलग मार्ग की व्यवस्थाएं हैं। प्लेटफार्म के बाहर निकलते ही जहां जाना है उसके लिए पुलिस कर्मचारियों से भी पूछेंगे तो वह सही रास्ता बताएंगे।
ऐसे करें त्रिवेणी संगम में स्नान
महाकुंभ में जनता की भारी भीड़ को देखते हुए अनेक घाट बनाए गए हैं। जहां पर जाकर स्नान किया जा सकता है । लेकिन अगर त्रिवेणी संगम में ही स्नान करना है तो उसके लिए रेलवे स्टेशन के बाहर से जो ई-रिक्शा ,बाइक सवार चल रहे हैं उनके साथ पहले पक्की बातचीत करें कि जहां जाना है वहां का बराबर बताएं और उनके साथ मोलभाव कर ले । त्रिवेणी संगम जाने के लिए हमने पहले चुंगी तक जाने के लिए ई रिक्शा किया। उसके बाद करीब 3 किलोमीटर पैदल चलकर लेटे हनुमान मंदिर और वट वृक्ष वाले स्थान पर पहुंचे और वहां से लगभग दो-तीन किलोमीटर मेले में चलकर त्रिवेणी संगम जिसे संगम नोज भी कहा जाता है पर जाकर स्नान किया।
भगदड़ के बाद भी नही सुधरे ….
जनसेलाब को देखते हुए त्रिवेणी संगम पर पूजा और स्नान करने के उपरांत ज्यादा देर वहां नहीं रुकना चाहिए । हमने देखा कि पहले संगम नोज पर मची भगदड़ की जानकारी लोगों को होते हुए भी लोग स्नान करने के बाद भी वही थोड़ी दूर पर आराम करने और सोने के लिए लेटे और बैठे हुए हैं। बार-बार अलाउंस हो रहा है की स्नान करने के बाद तुरंत चले जाएं उसके बावजूद भी लोग वहां भीड़ लगा कर बैठे हुए हैं।
उचित है दरें फिर भी कुछ लोग कर रहे मनमानी
प्रयागराज में ई-रिक्शा चालकों के द्वारा ज्यादा किराया नहीं लिया जा रहा है । फिर भी कुछ ऐसे चालक भी हैं जो 10 से 12 किलोमीटर दूर के 1500 रुपए तक की मांग करते हैं। वहीं अगर ऐसे लोगों को अनदेखा कर दिया जाए दूसरों को तलाशा जाए तो ₹400 में तक चार सवारी को रेलवे स्टेशन तक छोड़ दिया जाता है।
कम समय में ऐसे करें यात्रा
प्रयागराज जाने के लिए कम समय में यात्रा करने के लिए इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि जिस ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं वह कितना समय प्रयागराज जाने में ले रही है। इटारसी से ही देखा जाए तो कोई ट्रेन 15 घंटे में प्रयागराज पहुंचती है तो कोई ट्रेन 8 घंटे 45 मिनट में भी प्रयागराज पहुंचा देती है। इसलिए ट्रेन का चयन करने के पहले उसके पहुंचने में लगने वाले समय पर भी ध्यान देना चाहिए।
प्लेटफॉर्म पर बेहतर व्यवस्थायें
प्रयागराज में रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं हैं। जिस रूट पर जाना है उस रूट पर जाने के लिए अलग अलग प्रवेश द्वार हैं। जो उसी प्लेटफार्म पर पहुंचते हैं जहां से केवल उस रूट की गाड़ियां मिलेगी। अन्य प्लेटफार्म पर नहीं जा सकते ना ही अन्य प्लेटफार्म के लोग आ सकते हैं। आने और जाने के लिए अलग-अलग फुट ओवर ब्रिज है ।इतनी भारी भीड़ होने के बावजूद भगदड़ नहीं बचे ।इसके लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। रेलवे स्टेशन के हर प्लेटफार्म पर भी पुलिसकर्मी तैनात हैं जो यात्रियों से पूछते हैं कि कहां जाना है और उनके गंतव्य की ट्रेन में बैठने के लिए भी सहयोग करते हैं।