विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां धीरे-धीरे शबाब पर आती जा रहे हैं। मात्र कुछ महीने ही बचे हैं विधानसभा चुनाव को लेकर । जिससे प्रदेश और क्षेत्र का राजनीतिक माहौल गर्म होने लगा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के नेता कमलनाथ से प्रतिदिन कई तरह के सवाल उठा रहे हैं और राजनीतिक माहौल विधानसभा चुनाव की ओर जाने लगा है। लोग चर्चा करते है कि पहले शिवराज सिंह मंच पर एक ही जगह खड़े रहकर जनता को संबोधित करते थे कुछ महीनों से पूरे मंच पर टहलकर जनता को संबोधित कर रहे हैं जिससे ऐसा लग रहा है कि वे पूरी ऊर्जा के साथ आने वाला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे ।
वही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ – भाजपा पर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। शिवराज सिंह के कार्यकाल को लेकर भी कई तरह के सवाल उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री लाडली लाडली बहना योजना को लेकर जहां शिवराज सिंह खासे उत्साहित हैं वही कांग्रेस के मुखिया भी इस योजना में और अधिक राशि बढ़ाकर देने की बातें कर रहे हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रदेश में दोनों ही राजनीतिक पार्टियों ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां प्रारंभ कर दी है और माहौल बनाना शुरू कर दिया है। जनता भी इससे अछूती नहीं है और आज लोगों के बीच सबसे बड़ा चर्चा का केंद्र है कौन होगा अगला विधानसभा उम्मीदवार ।
जहां जनता के बीच यह प्रश्न बना हुआ है वही विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले नेता भी इसमें पीछे नहीं हैं सब अपने अपने तरीके से अपने-अपने संपर्क के माध्यम से लगे हुए हैं की घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिल जाए। भाजपा और कांग्रेस के घोड़ाडोंगरी शाहपुर चिचोली क्षेत्र के नेता राजनीति में विभिन्न पदों पर बैठे पदाधिकारी भी लगे हुए हैं टिकट के जुगाड़ में।
इन नेताओं के अतिरिक्त एक वर्ग ऐसा भी टिकट के जुगाड़ में लगा हुआ है जिसके बारे में ये नेता और आम जनता सोच भी नहीं सकती। वह तो हम लोगों को बता देते हैं कि भैया अपन भी हैं लगभग टिकट पक्की सरीखी है लेकिन अभी कुछ नहीं करना है नहीं तो ट्रांसफर हो जाएगा पहले घोषित हो जाने दो। फिर इस्तीफा देकर उतरेंगे मैदान में।
घोड़ाडोंगरी विधानसभा से भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही सरकारी कर्मचारियों को अधिकतर विधानसभा का टिकट देकर चुनाव लड़वाते रहे हैं। अभी तक घोड़ाडोंगरी क्षेत्र से शिक्षक, बाबू, सचिव सहित कई पदों पर बैठे कर्मचारियों को जिनका राजनीतिक बैकग्राउंड जीरो रहता है उनको भी टिकट मिली है और वह क्षेत्र के विधायक बने हैं ।
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जिससे घोड़ाडोंगरी क्षेत्र से टिकट पाने के लिए सरकारी कर्मचारियों में भी बड़ा लगाव है इंटरेस्ट है। कई शासकीय कर्मचारी जिनमें शिक्षक वर्ग ज्यादा है उसके अलावा फॉरेस्ट के कर्मचारी सहित अन्य विभागों के कर्मचारी भी जुगाड़ में लगे हैं की घोड़ाडोंगरी विधानसभा से टिकट मिल जाए तो वह अपनी नौकरी से भी इस्तीफा दे देंगे और चुनाव लड़ेंगे ।कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि दूल्हा बनने के लिए सब तैयार बैठे हैं पर अब पार्टी विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार की माला किसके गले में डालेगी यह तो वक्त आने पर ही पता चलेगा। लेकिन जो लोग सोच रहे हैं कि राजनीतिक नेता ही टिकट के लिए उम्मीदवार हैं। लेकिन जो नौकरीपेशा वर्ग गुपचुप तरीके से टिकट की दौड़ में शामिल है उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
टिकट पाने के लिए नेता अपनी ही पार्टी में एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हुए हैं। वही इस नौकरी पेशा वर्ग को राजनीतिक नेता नजरअंदाज किए बैठे हैं। ऐसी स्थिति में विधानसभा टिकट पाने का हकदार ये नौकरी पैसा वर्ग भी हो सकता है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता ।