पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई त्रिशताब्दी समारोह समिति बैतूल द्वारा अहिल्योउत्सव शक्ति सम्मेलन कार्यक्रम हुआ संपन्न
पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई त्रिशताब्दी समारोह समिति बैतूल द्वारा अहिल्योउत्सव शक्ति सम्मेलन कार्यक्रम हुआ संपन्न
अहिल्या उत्सव में गूंजा नारी शक्ति और स्वदेशी जागरण का स्वर, हर्षिता मानकर और उत्तम गायकवाड़ के ओजस्वी विचारों से हुआ जनजागरण
बैतूल। पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई जन्म त्रिशताब्दी समारोह समिति बतूल द्वारा अहिल्ययोतत्सव मातृ शक्ति सम्मेलन कार्यक्रम हुआ संपन्न
ग्राम भौरा में आयोजित अहिल्या उत्सव कार्यक्रम ने जनमानस में एक नई चेतना, आत्मबल और सांस्कृतिक गौरव का संचार किया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित हर्षिता मानकर जी ने अपने ओजस्वी विचारों से नारी शक्ति को प्रज्वलित किया। उन्होंने महिलाओं और बालिकाओं को महारानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से सीख लेने का आह्वान करते हुए कहा
“कष्ट चाहे जितने भी हों, यदि नारी अहिल्या के समान धैर्य, नीति और समर्पण से खड़ी हो जाए, तो वह पूरे समाज को दिशा दे सकती है।”
हर्षिता जी ने बताया कि अहिल्याबाई ने जीवन के प्रत्येक चरण में न्याय, करुणा और कर्तव्य का पालन करते हुए राजनीति, युद्धनीति, व्यापार कौशल और धार्मिक पुनर्जागरण में अद्भुत योगदान दिया। उन्होंने समाज के हर वर्ग को एकता के सूत्र में पिरोकर एक आदर्श शासन व्यवस्था प्रस्तुत की, जिसने आज भी भारत को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहाँ”अब समय आ गया है कि हम अपने भीतर की अहिल्या को जागृत करें, जो अन्याय से लड़े, समाज को संवारें, और भारत माता की सच्ची पुत्री और राष्ट्र की कर्णधार बनें।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में गौ संवर्धन विशेषज्ञ श्री उत्तम गायकवाड़ जी ने गौ आधारित उत्पादों, स्वदेशी व्यापार और घरेलु स्वास्थ्य नुस्खों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि –
“भारतीय स्वदेशी उत्पाद का अर्थ केवल देसी नाम नहीं, बल्कि भारतीय जीवनशैली की आत्मा है। गौ आधारित उत्पाद – गौमूत्र, गोबर, गाय का दूध और घृत – ये सभी न केवल स्वास्थ्य को चमत्कारी रूप से सुधारते हैं, बल्कि रोगों से लड़ने की प्राकृतिक प्रतिरक्षा शक्ति भी प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि –
“गौ माता की घर में उपस्थिति मात्र से सकारात्मक ऊर्जा, रोगनाशक वातावरण और मानसिक शांति का अनुभव होता है। गाय के गोबर से बने कंडे, दीपक, खाद, दीवार लेप — ये सब आधुनिक विज्ञान से कहीं अधिक टिकाऊ और स्वास्थ्यवर्धक हैं। यदि हर घर स्वदेशी उत्पादों को अपनाए, तो भारत को विदेशी कंपनियों के सामने हाथ फैलाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में विधायक गंगाबाई उइके जी पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई त्रिपुर शताब्दी समारोह के जिला सहसचिव विजय हारोढे जी तथा कर्नाटक के गायत्री परिवार ट्रस्टी, शेखर चतुर्वेदी, भौरा से मीरा धुर्वे , पूनम पासी , अनिता राय , दीपिका बोरवन जी आचार्य जी राय एवं सभी मातृशक्ति उपस्थित रहे।
- साथ ही कार्यक्रम में स्थानीय महिलाएं, छात्राएं और ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और एक स्वर में संकल्प लिया कि “अहिल्या बाई के आदर्शों और स्वदेशी विचारधारा को जीवन में उतारकर भारत को पुनः विश्वगुरु बनाएंगे।”