कार्यकर्ता संस्कार भारती की पूँजी है – निरंजन पंडा
सारनी —– संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत की साधारण सभा की एक दिवसीय बैठक में मध्य क्षेत्र प्रमुख अनिल जोशी ने कहा कि संस्कार भारती को अब निर्धारित कार्यक्रम करने से आगे बढ़ना होगा । हमारे उत्सव समाज के माध्यम से करने होंगे । हमें अपने आस पास के क्षेत्र में कला और साहित्य के साधकों की खोज कर के संस्कार भारती से जोड़ कर राष्ट्र कार्य मे लगाना चाहिए। नित नये कला साधकों की खोज कर मिलने का क्रम बना रहे । इसके पूर्व पूजन कर ध्येय गीत अनीता करकरे ने दोहराया।कोरोना काल के बाद यह दूसरी साधारण सभा की बैठक थी जो समाज सेवा न्यास भोपाल में संपन्न हुई । साधारण सभा की बैठक में प्रांतीय कार्यकर्ताओं के साथ बैतूल,हरदा,नर्मदापुरम, ग्वालियर,भोपाल महानगर सहित अनेक स्थानों से कार्यकर्ता उपस्थित थे । 40 वर्षों से संस्कार भारती ललित कलाओं के माध्यम से राष्ट्र भाव का जागरण कर रही है । स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव को देश में उत्सव के रूप में मनाया गया।वामपंथी दलों ने षड्यंत्र पूर्वक लिखे इतिहास को ही हमने पढ़ा है, जो सही नहीं है। कार्यकर्ता ही हमारी पूँजी है ।यह विचार अखिल भारतीय लोक कला प्रमुख निरंजन जी पंडा ने मध्य भारत प्रांत की साधारण सभा की बैठक में व्यक्त किये। संस्कार भारती की प्रांतीय कार्यकारिणी भी इस अवसर पर उपस्थित थी।महामंत्री अतुल अधोलिया एवं सह महामंत्री मोतीलाल कुशवाह ने साधारण सभा का संचालन किया। इस मौके पर जिलो के महामंत्रियों द्वारा अपने-अपने जिले का वर्ष भर की गतिविधियों और आय व्यय का विवरण प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर संस्कार भारती मध्य प्रांत के अध्यक्ष राजीव वर्मा ने भी अपने कला जगत के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम हो संस्कार भारती के सदस्यों को उपस्थित रह कर देखना चाहिए।इस अवसर पर प्रकाश गलगले, अंबादास सूने, डॉ. अखिलेश खंडेलवाल, विद्या निर्गुडकर श्याम महसकी,योगेन्द्र ठाकुर,दीपक वर्मा, अरूणा शर्मा,दुर्गा मिश्रा,डाली पंथी,शेखर दीक्षित,आनंद नंदेशवर,गोविन्द विश्वकर्मा,संतोष कुशवाहा, गणेश प्रसाद शांडिल्य,अर्जुन सिंह राजपूत,अनूप रिछारिया,अरविंद काशिव, बोधमिता सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।