**महा शिव पुराण का तृतीय दिवस: *जिस तरह नदियों में गंगा उसी प्रकार लिंगों में पार्थिव लिंग सर्वश्रेष्ठ** *पंडित नंदकिशोर जी पांडेय*

*गोवर्धन गुप्ता*

नागपुर। कल्यानेश्वर मंदिर महल के परिसर में संपन्न महा शिव पुराण के तृतीय दिवस पर पूज्य पंडित नंदकिशोर जी पांडे ने भगवान शिव की अनंत महिमा का वर्णन किया। उन्होंने शिवलिंग के महत्व को बताते हुए अनेक पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिसमें पार्थिव शिवलिंग की पूजन विधि की विशेषता उल्लेखनीय रही।

पंडित जी ने स्पष्ट किया कि प्रसाद का ग्रहण तुरंत करना चाहिए, न कि बाद में। उनका मानना है कि यदि प्रसाद का सेवन विलंब से किया जाता है, तो वह पाप का कारण बनता है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्थिव लिंग की पूजा सभी वर्गों की स्त्रियों द्वारा की जा सकती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे विभिन्न नदियों में गंगा सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है, उसी प्रकार सभी लिंगों में पार्थिव शिवलिंग की महत्ता सर्वोच्च है। उन्होंने बताया कि यह शिवलिंग पंच महाभूतों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनका उल्लेख भविष्य पुराण में किया गया है।

पंडित जी ने अन्य देवी-देवताओं की विशेषताओं का भी उल्लेख किया, जैसे कि भगवान शिव बेलपत्र चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं, जबकि भगवान कृष्ण तुलसीपत्र के प्रति समान श्रद्धा रखते हैं। उनकी इस संदर्भ में दी गई जानकारी से यह समझा जा सकता है कि बेलपत्र के महत्व को समझना कितना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सोमवार और चतुर्दशी को बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए, क्योंकि इसकी विशेषता एवं महिमा अपार है। इसके अलावा, बेलपत्र के वृक्ष के नीचे दीप जलाने से दरिद्रता दूर होती है और यदि वहाँ एक ब्राह्मण को भोजन कराया जाए, तो ऐसा माना जाता है कि एक करोड़ ब्राह्मणों के भोज का फल प्राप्त होता है।

पंडित जी ने गृहणियों के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण सलाहें दीं। उन्होंने कहा कि पूजा करते समय ग्रहणियों को मौन रहकर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, साथ ही घर से मंदिर तक मार्ग में मोन रहकर भगवान का स्मरण करना चाहिए। इसके अलावा, भोजन बनाते समय भी मौन रहना आवश्यक है, क्योंकि ग्रहणी ही अपने घर को स्वर्ग या नर्क में परिवर्तित कर सकती है।

इस प्रकार, पंडित नंदकिशोर जी पांडे के प्रवचन ने सभी को भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और समर्पण का एक अनोखा अनुभव प्रदान किया है।

उनकी शिक्षाएं हमें सिखाती हैं कि पूजा-पाठ का सही विधि का पालन कर, हम अपने एवं समाज के कल्याण के लिए कार्य कर सकते हैं। पंडित कृष्ण मुरलीधर जी पांडे ने बताया कि कथा का समापन 18 अगस्त को होगा। प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में लोग शिव पुराण को श्रवण करने के लिए पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन सुबह से भगवान शिव का अभिषेक एवं पूजन किया जा रहा है वही समिति के माध्यम से बैठने की उत्तम व्यवस्था की गई है।