होली : त्योहारों की रक्षा हमारा कर्तव्य

हम हमारे बच्चों को ना तो संस्कार दे पा रहे है और ना ही भारतीय सभ्यता के करीब ला रहे हैं,

वर्ष में एक दिन तिलक होली से पानी नही बचेगा
पानी की बर्बादी को कम करने के लिए ये उपाय अपनाए जा सकते हैं

संस्कृतिक त्योहारों की रक्षा हमारा कर्तव्य:-
आज के व्यस्ततम समय में हम हमारे बच्चों को हमारी संस्कृति से दूर करते जा रहे हैं, एक और जहां भारत को प्राचीन संस्कृत वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित संस्कृति वाला देश कहा जाता है वही हम भारतीयों में आजकल अपने स्वयं को ऊंचा बताने के लिए हम संस्कृति और धर्म से दूर हो रहे हैं हम में से अधिकांश लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के कारर्नमेंट स्कूलों में पढ़ा रहे है ओर अपने स्टेटस को बड़ा ही ऊंचा मान रहे है, किंतु हम हमारे बच्चों को ना तो संस्कार दे पा रहे है और ना ही भारतीय सभ्यता के करीब ला रहे हैं, पानी बचाने का संदेश देते हुए हम अपने बच्चों को प्रेम ,समर्पण, उल्लास, और आत्मीयता से भरपूर महापर्व होली खेलने से रोक देते हैं कुछ लोगों का मानना है कि रंग खेलने से समय की बर्बादी होती है किंतु होली ही एक ऐसा महापर्व है जहां हम जात पात, उच्च नीच और छोटा बड़ा भूल कर प्रसन्नता के साथ होली के महापर्व को मानते हैं, कुछ लोग तो होली के त्योहार को सूखी होली खेलने के लिए प्रेरित करते हैं जबकि यह पीढ़ी हमारे धर्म और सभ्यता संस्कृति को ही आगे लेकर जाने वाली है हम सभी का दायित्व हैं, कि हम अपने बच्चों को प्रतिदिन अपनी सभ्यता और संस्कृति के बारे में जानकारी दे, अपने बच्चों को हम मंदिर भेजें और अपने बच्चों को बड़ों का आदर ,सम्मान , पैर छूकर आशीर्वाद लेने के लिए प्रेरित करें,

संस्कृति बचाने के लिए हम सभी को अपने त्योहारों की रक्षा भी करना आवश्यक हो गया है देखने में आता है कि हम धीरे-धीरे भारतीय मूल और सभ्यता संस्कृति वाले त्योहारों को भूलकर पश्चिमी सभ्यताओं को अपना रहे हैं ऐसे में हम अपने बच्चों को अच्छी परवरिश तो दे रहे हैं किंतु उनसे अपने अंतिम समय में मिलने वाले समर्पण से स्वयं को वंचित कर रहे हैं यदि हम हमारे बच्चों को संस्कृति और सभ्यता के करीब नहीं रख पाए तो वो दिन दूर नहीं ,जब भारत के अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों के द्वारा अग्नि संस्कार भी नहीं ले पाएंगे हम सभी को प्राण करना चाहिए कि हमें हमारे सभी धार्मिक त्योहार जैसे होली, रक्षाबंधन, नवरात्र देवी पूजन, गणेश प्रतिमा, गणेश उत्सव, शिव रात्रि,दीपावली और अनेक त्योहारों के लिए उन्हें प्रेरित करें, जब पश्चिमी सभ्यता भारतीय संस्कृति पर हावी हो रही हो तब हमारा दायित्व बन जाता है कि, हम प्रेम समर्पण और उल्लास से भरपूर महापर्व होली पर्व पर अपने बच्चों को रंगों से दूर न रखते हुए उन्हें मन भरकर होली खेलने के लिए प्रेरित करें और उनके साथ रंग गुलाल इत्यादि का उपयोग कर अपने आसपास सभी के साथ मिलकर होली खेले हमारी संस्कृति के महापर्वों को मनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें । आओ हम सभी मिलकर हमारे धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रयास करें और सनातनी हिंदू धर्म के सभी त्योहारों को धूमधाम से मनाई और अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए संकल्पित रहे ।

वर्ष में एक दिन तिलक होली से पानी नही बचेगा

पानी की बर्बादी को कम करने के लिए ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:
नए-नए कपड़े खरीदने से बचना
टॉयलेट में कम फ़्लो वाला फ़्लश इस्तेमाल करना
ब्रश करते समय या दाढ़ी बनाते समय नल को बंद रखना
शॉवर के नीचे नहाने का समय कम करना
पास्ता या आलू जैसी चीज़ें उबालने के बाद बचे पानी का इस्तेमाल करना
घर में उतने ही बर्तन रखना जितने ज़रूरी हो
बारिश के पानी को जमा करके इस्तेमाल करना
लीक होने वाले नल और पाइपों को ठीक करा

जितेंद्र मालवीय✍🏽

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