*महाशिवपुराण का द्वितीय दिवस* *शिव की महिमा: स्तुति से ही प्रसन्न हो जाते हैं, भगवान शिव* *पंडित नंदकिशोर पांडेय,*

*गोवर्धन गुप्ता*

नागपुर।कल्याणेश्वर मंदिर महल में आयोजित शिव पुराण के द्वितीय दिवस पर पूज्य पं, नंदकिशोर जी पांडेय ने भगवान शिव की अनंत महिमा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने भक्तों को बताया कि शिवलिंग पर अर्पित वस्तुएँ विशेष रूप से शीतल पदार्थ, जैसे जल, दूध, शहद और घी, प्रशस्त होती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल ग्रहण नहीं करना चाहिए; वरन् नैवेद्य को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए।

पूज्य पांडेय जी ने कहा कि तीनों लोकों में केवल भगवान शिव ही ऐसे दिव्य स्वरूप हैं, जो सच्चे मन से की गई स्तुति और भक्ति से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने यह बात विशेष रूप से कही, कि भगवान शिव को परिवार की सुख-शांति और समृद्धि का अधिष्ठाता माना जाता है। उनकी आराधना से भक्त संकटों से मुक्त होते हैं और जीवन में शांति का अनुभव करते हैं।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपायों का भी उन्होंने गहनता से वर्णन किया। शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और घी का अभिषेक शुभफलदायक माना गया है। विशेष तौर पर वह फूल और बेलपत्र, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं, उनकी पूजा में शामिल करने से व्यक्ति अपनी इच्छाओं की पूर्ति की ओर बढ़ता है। कथा के दौरान, शिव पुराण में उल्लेखित शिव की अनंतता का वर्णन किया और ब्रह्मा जी को झूठ बोलने पर दिए गए श्राप तथा भगवान विष्णु को दिए गए वरदान का उल्लेख किया।

इस अवसर पर पंडित कृष्ण मुरलीधर पांडे ने बताया कि इस दिव्य कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 3:00 बजे प्रारंभ होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। इस विशेष धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में मंदिर के अध्यक्ष किशोर कांत सोनी, उपाध्यक्ष अजय कामवानी, ट्रस्टी सदस्य गुणवंत राव पाटिल, दिलीप बालमवार, कोषाध्यक्ष अशोक डुबले सहित सभी ट्रस्ट के पदाधिकारियों का योगदान उल्लेखनीय है।

भगवान शिव की भक्ति में लिप्त इस कथा में ना केवल धार्मिक ज्ञान का संचार हो रहा है, बल्कि भक्तों के मन में एक अद्भुत श्रद्धा और शक्ति का संचार भी हो रहा है। शिव पुराण की इस कथा के माध्यम से, श्रद्धालु निरंतर भगवान शिव की महिमा का श्रवण कर रहे हैं। कथा में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।