भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेज गायब शहर में मचा हड़कंप

सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं । अपन खुद ही चोर को पकड़ सकते हैं की कहां गया माल।

किसी ने फोटो भेजी है और तुम कहो कि आदमी गायब हो गया इन्होंने फोटो छापी है इन्हीं के पास है तो कहां से देंगे बताओ ।

भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेज गायब शहर में मचा हड़कंप

आज तक देश की सुरक्षा से संबंधित दस्तावेजों को गोपनीयता की श्रेणी में माना जाता था। लेकिन अब शहर में भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेजों को गोपनीय दस्तावेज कहे जाने की नई श्रेणी तय की जा रही है। नगर परिषद में कई सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद नगर परिषद के भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेजों को सोशल मीडिया पर ढूंढा जा रहा है ।

जिन लोगों के कंधों पर नगर परिषद के केयरटेकर होने की जवाबदारी जनता ने दी है। उनकी नाक के नीचे से ही कई सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद नगर परिषद के भ्रष्टाचार से संबंधित  दस्तावेज गायब होने की चर्चा शहर में चारों ओर फैली हुई है। लोगों में चर्चा है कि नगर परिषद से ऐसे कितने महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हो चुके हैं इसकी जांच होनी चाहिए यह मामला तो सामने आने के कारण उजागर हो गया अन्य कितने दस्तावेज अभी तक गायब हो गए कैसे पता चलेगा । सरकार ने ग्राम पंचायत को बहुत सारे बर्तन भी गरीबों के यहां होने वाले कार्यक्रम के लिए दिए थे जो नगर परिषद को मिले होंगे लेकिन कहां है इसका लाभ जनता को नहीं मिल रहा।

इस प्रकरण में खास बात यह है कि 16 अगस्त को अपर कलेक्टर कार्यालय में पेशी कर आ चुके ओर शहर में किसी को नहीं बताया कि हमारे ऊपर  प्रकरण बना दिया गया। लेकिन जब सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न अखबारों के माध्यम से मामला जनता के सामने आया तो 8 दिन बाद 24 अगस्त को नगर परिषद के भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेज गायब होने का आवेदन दिया गया।इन दस्तावेजों को गोपनीय कहकर भ्र्ष्टाचार को दबाने में भृष्ट तन्त्र लगा हुआ है। जब भ्रष्टाचार का मामला न्यायालय में चल रहा है तो यह दस्तावेज कैसे गोपनीय हो गए लोगों को समझ नहीं आ रहा ।

तो भैया नोटिस तो पेशी के पहले ही तामिल हो गया और अपने नगर परिषद में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं । अपन खुद ही चोर को पकड़ सकते हैं की कहां गया माल। अब सोशल मीडिया पर तो फोटो ही वायरल होती है। किसी ने फोटो भेजी है और तुम कहो कि कागज गायब हो गया इन्होंने फोटो छापी है इन्हीं के पास है तो कहां से देंगे बताओ ।नगर परिषद के सीसीटीवी कैमरों को जिम्मेदार अधिकारी देखे तो कई राज सामने आ सकते है।

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