एक सीट से क्या फर्क पड़ता है प्रदेश में सरकार तो बन रही है कि तर्ज पर सक्रिय है नेता
घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट को डुबोने में लगी भाजपा की गुटबाजी
हाल ही में हुए जिला पंचायत सदस्य जनपद सदस्य और ग्राम पंचायत, नगर परिषद के चुनाव में भाजपा की स्थानीय गुटबाजी भाजपा को ले डूबी। अधिकांश जगहों पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई ।
इन चुनावों में मिली हार के बाद ऐसा लग रहा था कि अब भाजपा के लोग इन हार से सबक लेंगे और आगामी चुनाव में एकजुट होकर भाजपा के हित में काम करेंगे। लेकिन इन दिनों चौक चौराहों पर और लोगों के बीच हो रही चर्चाओं की माने तो भाजपा के नेता अपनी गुटबाजी के चलते पार्टी को डुबोने में लगे हुए हैं।
भाजपा के नेताओं को लगता है कि एक सीट से क्या फर्क पड़ता है प्रदेश में सरकार तो बन रही है । लेकिन हमारा रुतबा कायम रहना चाहिए।
घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट भी हारने से क्या होता है प्रदेश में तो अपनी सरकार रहेगी और अपनी चलेगी । कुछ इसी तर्ज पर इन दिनों घोड़ाडोंगरी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की राजनीति सुर्खियों में छाई हुई है।
कोई पूर्व विधायक मंगल सिंह जी के समर्थन में अपने झंडे उठा रहा है तो कोई पूर्व विधायक रहे सज्जन सिंह जी की पत्नी गंगाबाई को टिकट दिलाने के लिए अपने झंडे उठा रहा है तो जी10 भी अपना झंडा उठाकर सुर्खियों में छाया हुआ है ।
कुल मिलाकर देखा जाए तो ऐसा संदेश जनता के बीच जा रहा है कि भाजपा की स्थानीय गुटबाजी से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत आसान कर दी है।
लोगों को लग रहा है कि घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र जो कि दो प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलता है और मात्र कुछ हजार वोटों के अंतर से हार जीत का फैसला सामने आता है। वहीं घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के नेता इतने गुटों में बैठे हुए हैं की इनकी आपसी गुटबाजी विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार पर भारी पड़ सकती है।
माना जा रहा था कि पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव के बाद जिले का नेतृत्व स्थानीय नेताओं की गुटबाजी पर विराम लगाएगा और एक सामंजस्य भरी राजनीति आगामी समय में देखने को मिलेगी।
लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में तो ऐसा संदेश जा रहा है कि जिले के नेता भी स्थानीय गुटबाजी पर कोई रोक नहीं लगाना चाहते । कुल मिलाकर अपना वर्चस्व दिखाने के चक्कर में अलग-अलग गुट के नेता दूसरे गुट की लुटिया डुबोने में लगे हुए हैं। ऐसी परिस्थितियों में आगामी विधानसभा चुनाव मैं भाजपा उम्मीदवार को घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र की स्थानीय गुटबाजी ले डूबेगी। इससे इनकार नहीं किया जा सकता।