पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा – प्रत्येक घर से एक बेटा संघ या बजरंग दल में होना चाहिए । सनातन धर्म केवल भजन करने से नहीं बचेगा
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने तीसरे दिन की कथा में शिवजी कितने सुंदर हैं इसका वर्णन करते हुए कहा कि शिव की सुंदरता का बखान नहीं किया जा सकता। इसीलिए कहते हैं सत्यम शिवम सुंदरम। मां ताप्ती शिव पुराण कथा में आज उन्होंने बताया कि मां ताप्ती ने तप किया तो मां पार्वती प्रसन्न होकर प्रगट हो गई और वर मांगने के लिए कहा तो मां ताप्ती ने कहा कि शिव जी के दर्शन करना चाहती हूं।
जब शिवजी दर्शन देने पहुंचे और शिव जी ने वर मांगने के लिए कहा तो मां ताप्ती ने कहा कि आपके जैसा स्वभाव और शीतल गुण प्रदान करें तो शिवजी ने वरदान दिया की तेरे घाट पर विराजमान रहूंगा । ताप्ती शिव पुराण में शिवलिंग का वर्णन है मुलताई से सूरत तक ताप्ती जी के घाट पर शिवलिंग विराजमान हैं।
उन्होंने कहा राष्ट्र, धर्म के कल्याण की बात आती है तो अग्रणी रहो। प्रत्येक घर से एक बेटा संघ या बजरंग दल में होना चाहिए । सनातन धर्म केवल भजन करने से नहीं बचेगा। भजन उपवास त्यौहार को तो माताओं ने सम्भाल कर रखा हुआ है नहीं तो सनातन धर्म कब का नष्ट हो जाता। स्कूल और गुरुकुल में अंतर बहुत बड़ा है गुरुकुल में राष्ट्र के प्रति प्रेम की शिक्षा मिलती है स्कूल में रुपया कैसे कमाए इसकी शिक्षा मिलती है।
एक लोटा जल शिवजी पर चढ़ाने का महत्व उन्होंने बताया कि सब समस्याओं का हल है एक लोटा जल । लोगों के पत्रों को लेकर कहा कि पत्र में भाव कितना है विश्वास कितना है यह हमें महसूस होता है। ईश्वर भी बैतूल वालों की परीक्षा ले रहा है कीचड़ में बैठकर श्रद्धालु कथा सुन रहे हैं अपने घर से बैठने के लिए चटाई और कुर्सियां ला रहे हैं श्रद्धालुओं की संख्या रोज बढ़ रही है रोज टेंट बढ़ाना पड़ रहा है सेवा करने वाले दिल से सेवा कर रहे हैं। बैतूल के लोगों ने जैसी भक्ति का दर्शन कराया है ऐसा दुनिया में कहीं नहीं हो सका।
बच्चों को पढ़ाना ही नहीं संस्कार देना भी जरूरी है संसार में जिसने जन्म लिया है उसे दुख झेलना ही पड़ता है। भगवान का जितना भजन करोगे उतना दुख कटेगा। अपना खुजाना अपने को है किसी की सामर्थ नहीं किसी का दुख मिटाने की। तुम्हारा एक लोटा जल महादेव को चढ़ाओगे तो दुख दूर होंगे।
ब्यूटी पार्लर में जो सुंदरता नहीं मिल सकती वह देवाधिदेव महादेव के चरणों में मिल सकती है । गंगा के पानी की कल कल और यमुना जी के आचमन से और ताप्ती जी का नाम लेने से पीढ़िया तर जाती है। श्री शिव शिवाय नमस्तुभयम का उद्गार कई रोगों और समस्याओं का अंत कर देता है। आपस में मिलने जुलने पर शिव शिवाय नमस्तुभयम कहना चाहिए। उन्होंने कथा में सती माता का वर्णन किया। कहा कि मां बच्चे को डांटती है क्योंकि आगे चलकर गलती नहीं करें। भगवान को नहलाया हुआ जल तुलसी जी में जाता है तो जब भगवान का पूजन करोगे तो कहां जाओगे खुद ही सोच लो ।कथा में शिव पार्वती के विवाह की सुंदर झांकी सजाई गई।