*वंदे मातरम् गीत के गोरवशाली 75 वर्ष पूर्ण*
। सारनी — संस्कार भारती द्वारा सारनी में देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर वंदे मातरम् गीत गायन के गोरवशाली 75 वर्ष पूरे होने पर सरस्वती शिशु मंदिर,गायत्री विधालय, गायत्री मंदिर,ग्लोबल आई टी आई, बालाजी इनसटीयूटट आफ नर्सिंग कालेज बगडोना , कुमार विद्यालय शोभापुर में वंदे मातरम् गीत के गायन का कार्यक्रम संपन्न हुए । इस अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती एवं भारत माता का पूजन समिति के अध्यक्ष जे डी कवडकर, अंबादास सूने ने किया।समितिं के सचिव किशोर सोनी ने श्री फल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर मुकेश सोनी एवं अंबादास सूने को सम्मानित किया।
इस अवसर पर संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत के प्रांतीय उपाध्यक्ष अंबादास सूने ने बताया कि संस्कार भारती ललित कलाओं एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था है।देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है ।15 अगस्त 22 को संस्कार भारती वंदे मातरम् गीत गायन के गोरवशाली 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर देश में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
15 अगस्त 1947 को आकाशवाणी से सबेरे साढ़े छ: बजे पं ओंकारानाथ ठाकुर ने मूल वंदे मातरम् गीत का गायन किया था। श्री सूने ने बताया कि पं ओंकारानाथ ठाकुर को वंदेमातरम गीत के गायन को रोकने की पहल प्रधान मंत्री नेहरू ने की, ओंकारनाथ ठाकुर ने कहा कि मैं वंदे मातरम् गीत के गायन के लिए आया हूँ,वंदे मातरम् गीत का गायन करूंगा।इस अवसर पर लक्ष्मीकांत माथनकर,अर्जुन सिंह नगदे,दीपक वर्मा,संतोष प्रजापति,पुरषोत्तम वर्मा,सतीश कुमार,पुनीत भारती, पुष्पलता बारंगे, पवन मेहरा,पी एन बारंगे,योगेन्द्र ठाकुर,चन्द्र शेखर टैगोर, सहित संस्कार भारती के अनेक सदस्य उपस्थित थे ।