पंडित प्रदीप मिश्रा : आज महीनों मिलने के बाद शादी होती है और कुछ महीनों में तलाक की नौबत आ जाती है

मां ताप्ती की पावन गोद में बैतूल जिले में चल रही है शिवपुराण कथा में अंतिम दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा संसार सागर में जन्म लेना सरल लेकिन जन्म ले लेने के बाद बिना कोयले की खदान में से काला ना लगे ऐसे बचना कठिन है। भगवान शिव की कृपा से करुणा से इस भवसागर से भजन करते हुए निकल जाए तो समझ लेना कि शिव कृपा हुई है ।

इंद्रियों को परमात्मा तक लेकर कैसे जाए मन बड़ा चंचल है। कैसे तेरा भजन करूं मन को लगाना कठिन है। भगवान में लगाओगे तो भगवान कुछ देगा यह निश्चित है जरूर देगा।

भंडारे में जो सब्जी बनती है इतना आनंद क्यों है उसका कारण केवल शिव भक्ति और विश्वास ।बैतूल जिले के संस्थाओं स्वयंसेवकों सभी समाज ने सेवा की उम्मीद नहीं की जा सकती ।उन्होंने भी सेवा की है उसके लिए मैं सभी समाज को धन्यवाद देता हूं आदिवासी सब सेवा में लगे बैतूल के इतिहास में ऐसा प्रेम देखने के लिए अगला जन्म लेना पड़ेगा सेठो ने अपना खजाना खोला और खूब भरपेट खिलाया जितना कर सकते उससे अधिक किया।।भगवान की अविरल भक्ति में जो सूख वह सुख कहीं नहीं है।

संसार सागर में बहुत फेराड़ा फैलाया बहुत धनसंपदा इकट्ठा करें एक दिन जब इस शरीर की सांसे पूरी हो जाएगी । स्टांप में जितने अक्षर लिखे रहते हैं वह उल्टे लिखे रहते हैं जब लगाते हैं तो सीधा लगता है उसी तरह हमारी किस्मत में भी जो दुख लिखा है उसे भगवान के दर पर माथा ठोक दो वह दुख भी सीधा हो जाएगा । दुख तकलीफ में है तो बाबा के दरबार में जाकर माथा ठोक दो ।बड़ी बीमारी से परेशान हैं तो रोग निवारण कार्य सिद्धि के लिए हरिओम जल भोलेनाथ पर चढ़ाने का तरीका बताएं।

जल चढ़ाने में छल नहीं होना चाहिए कपट रखकर भोलेनाथ को जल मत चढ़ाओ ।पशुपतिनाथ के व्रत का महत्व और तरीका बता कर कहा कि यह व्रत सब मनोकामना को पूर्ण करने वाला है।शिव पुराण में स्पष्ट लिखा है कि श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का महत्व क्या है इसका स्मरण करने वाचन करने से क्या फायदा मिलता है।

अपने घर से जल लेकर जाओगे तो अपने घर की समस्या दूर होगी इसलिए अपने घर का जल चढ़ाओ।नेत्र लगाने के महत्व को बताते हुए कहा कि किसी लड़की में लगा दिया तो मोहल्ले वालों ने बहुत दिया और अगर प्रभु भोलेनाथ में नेत्र लगा दिया तो भोलेनाथ ने भी बहुत दिया।।समुद्र मंथन में सबसे पहले गौ माता निकली उसके बाद भी विष।भोलेनाथ को एक चम्मच जल, दूध चढ़ा दिया तो वही श्रेष्ठ है एक बेल पत्री भी चढ़ती है ।घंटों भजन करने के बजाय केवल एक क्षण प्रभु को दिल से दो। पुराने समय में एक पल एक दूसरे को देखकर शादी होती थी वह जिंदगी भर चल जाती है ।आज महीनों मिलने के बाद शादी होती है और कुछ महीनों में तलाक की नौबत आ जाती है।

घंटों भगवान की माला जपते हैं लेकिन भगवान में कितनी रहता है। पंडित प्रदीप मिश्रा बोले बैतूल मेरी जान मेरा हृदय है।लोगों ने अपना सब्जी का ठेला बंद करके यहां भक्तों की सेवा में लगे हैं ऐसे भी सेवक हैं।

विष निकलने के बाद जब अमृत निकला भगवान ने मोहिनी रूप धारण कर लिया था असुर सुंदरता में पडे और देवता भगवान के पैरों की सुंदरता में असुरो के तो कुछ नहीं मिला भगवान के चरणों में पडो तो सब मिलेगा।

अंगूठी से ज्यादा सुंदर अंगूठी की डब्बी होती है पर कीमत डब्बी की नहीं होती अंगूठी की कीमत होती है।आत्मा से ज्यादा सुंदर शरीर दिखता है यह शरीर की कोई कीमत नहीं अगर आत्मा निकल जाए कीमत तो अंगूठी की है कीमत तो आत्मा की है।

अहंकार अभिमान कभी इतना मत करना कि बहाकर ले जाए । नदी में बाढ़ आती है तो बड़ी-बड़ी चट्टानों को बहाकर ले जाता है लेकिन दुबा को नही।जिसने संसार में झुकना जान लिया तो अहंकार समाप्त हो जाता है।
बहुत कम लोग हैं जो संसार में अपयश (विष ) पीते हैं घर में रह रहे हो तो ठंडी रोटी भी खाना पड़ सकता है। सुख के साथ थोड़ा दुख भी मिलता है दुख देने के लिए संसार है और सुख देने के लिए महादेव।

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