कांग्रेस की सरकार में कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग में भी पैसे लिए गए थे, राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि 10 दिनों में कर्ज माफी कर दी जाएगी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा किए गए कार्यों से सदन को अवगत कराया। इस सदन को लोकतंत्र का पवित्र मंदिर मानते हैं। ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव मैंने तो देखा ही नहीं है। अगर अविश्वास की बात करें तो कांग्रेस में कौन किस पर विश्वास करता है समझ में ही नहीं आता है। कांग्रेस की सरकार में कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग में भी पैसे लिए गए थे। ट्रांसफर-पोस्टिंग को धंधा बना दिया गया था।

मंत्रालय दलालों का अड्डा बन गया था। 11 दिसंबर 2020 को मतगणना का दिन था। रात के 2:00 बजे तक हमने चुनाव परिणाम देखें और जो परिणाम आए उसमें हमारी 109 सीटें थी कांग्रेस की 114 सीटें थी। रात में मैं निश्चय करके सोया था कि सुबह ही मैं इस्तीफा दे दूंगा। एक नहीं अनेकों सदस्य रास्ते में थे। मुझे जोर देकर कहा गया कि इस्तीफा नहीं देना है। लेकिन मैंने कहा कि मेरी अंतरात्मा गवाही नहीं देती, सीटें कांग्रेस की ज्यादा है। सरकार उनको बनानी दो। अगर हमें तोड़ना होता, तो हम कांग्रेस की सरकार बनने ही नहीं देते।

सिंचाई के लिए पाइप लाइन की गुणवत्ता से भी कांग्रेस सरकार ने खिलवाड़ किया था। नियम, शर्तों से भी खिलवाड़ किया। घटिया गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग कर पैसों की बंदरबांट हुई थी। कांग्रेस सरकार ने भाजपा के विधायकों, नेताओं से बदले की भावना से नियम विरुद्ध जाकर कार्रवाई करने की कोशिश की। संपत्तियों को नेस्तनाबूद करने का कुचक्र रचा, कई दुकानें तोड़ी गईं।

हमने राजनीतिक विद्वेष में कभी कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए गुंडे, माफिया, बदमाशों पर कार्रवाई की, उनकी अवैध संपत्तियों को तोड़ा। लेकिन कांग्रेस सरकार ने भाजपा को निशाना बनाया था। जब तक कांग्रेस की सरकार थी बैगा, सहरिया, भारिया सहित अन्य जनजातीय समुदाय के पात्र हितग्राहियों के खातों में राशि नहीं पहुंची थी। कांग्रेस ने जनजातीय समुदाय के साथ भी धोखा किया।

स्वस्थ लोकतंत्र की परंपरा यही है कि स्वस्थ बहस हो। हम सवाल पूछे और जवाब भी सुने।गरीबों के कल्याण के लिए शुरू की गई संबल योजना से लाखों गरीबों के नाम कांग्रेस की सरकार ने काट दिए। हमने बच्चों को लैपटॉप देने की योजना शुरू की थी, कांग्रेस सरकार ने लैपटॉप बांटना भी बंद कर दिया था। हर घर तक नल से पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जल जीवन मिशन योजना शुरुआत की,

लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने यह योजना शुरू ही नहीं की। यदि कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया होता, तो उनकी ही सरकार के मंत्री उन्हें छोड़कर हमारे साथ ना आते। हमारे पास आए साथियों का फैसला सही था और जनता ने उन्हें उपचुनाव में भारी बहुमत से फिर से निर्वाचित किया। कोरोना संकट से निबटने के लिए कांग्रेस की सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी। मेरी सरकार के पौने दो साल तो कोरोना से निबटने में ही निकल गए। 500 से ज्यादा बैठकें मैंने कीं। दिन-रात हमारी सरकार ने काम किया।

मैं श्रीमती संतो बाई जी के लिए तत्काल निर्देश दे रहा हूं कि प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी तत्काल सम्बन्धित कलेक्टर से बात कर, संतोबाई जी को गाड़ी से बुलवा कर अस्पताल में भर्ती करवाएं। राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि 10 दिनों में कर्ज माफी कर दी जाएगी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया। रंग-बिरंगे फार्म, निजी और सरकारी बैंकों में भेद जैसे अलग-अलग उपायों से किसानों को उलझाया गया। हमने प्रदेश के किसानों के खातों में 2 लाख 12 हजार 464 करोड़ रुपए डाले हैं,

जबकि आपने ऊंट के मुंह में जीरा के समान महज 7000 करोड़ रुपए किसानों को दिए थे। यह प्रदेश की जनता तय करेगी कि किसान हितैषी आपकी सरकार थी या हमारी सरकार है।कांग्रेस ने मध्यप्रदेश पर कर्ज का बोझ लाद देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने भी रु.30 हजार करोड़ का कर्ज लिया था, हमने उसे 48 हजार करोड़ किया। उस राशि का उपयोग आधारभूत ढांचों के विकास व जनता के कल्याण के लिए कर रहे हैं और हमने कर्ज की सीमा नहीं लांघी है।

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