ये तय करेंगे कौन बनेगा घोड़ाडोंगरी का विधायक

प्रवीण अग्रवाल

Ghoradongri _ हमारे इस लेख का शीर्षक पढ़कर आप चौक गए होंगे की वह कौन हैं जो यह तय करेंगे की घोड़ाडोंगरी विधानसभा का विधायक कौन बनेगा? तो हम भी यह बता देंगे की इस लेख को पढ़ने के बाद घोड़ाडोंगरी विधानसभा से विधायक बनने का सपना देख रहे प्रत्याशियों के सारे गणित धराशाई हो जाएंगे । वह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि ऐसा क्या करें जिससे इन्हें अपने पक्ष में कर विधायक बन सके ।घोड़ाडोंगरी विधानसभा का अभी तक का इतिहास देखा जाए तो यहां पर दो प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला होता आया है। अन्य पार्टियों या निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले वोटों से पता चलता है कि उनकी तो जमानत ही जप्त हो गई।

अभी तक के हुए चुनाव की स्थिति को देखकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला देखा जा सकता है। इस विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में तो ऐसी कोई अन्य पार्टी दिखाई नहीं देती जो इन दोनों पार्टियों के प्रमुख उम्मीदवारों के समीकरण को बिगाड़ सके। अभी तक तो इन दोनों पार्टियों के अलावा जो भी अन्य कैंडिडेट रहे हैं सभी की जमानत जप्त होती आई है ऐसा देखा गया है।

घोड़ाडोंगरी विधानसभा के इतिहास को देखें तो 1951 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर 14898 वोट का था ।वही दूसरे विधानसभा चुनाव जो 1957 में हुए थे उनमें जीत का अंतर 8595 वोट का था ।तीसरे विधानसभा चुनाव 1962 में जीत का अंतर केवल 394 वोट का था ।

चौथे विधानसभा चुनाव 1967 में जीत का अंतर 4816 वोट का था। पांचवीं विधानसभा चुनाव जो 1972 में हुए उनमें जीत का अंतर 7242 वोट का था। छठवे विधानसभा चुनाव 1977 में हुए उनमें जीत का अंतर 4846 वोट का था।सातवें विधानसभा चुनाव जो 1980 में हुए उनमें जीत का अंतर 3097 वोट का था। आठवें विधानसभा चुनाव जो 1985 में हुए उनमें जीत का अंतर 2973 वोट का था । नवमे विधानसभा चुनाव जो 1990 में हुए जो घोड़ाडोंगरी विधानसभा के इतिहास में सबसे बड़ी जीत के रूप में दर्ज है। इसमें भाजपा प्रत्याशी रामजीलाल उइके 20883 वोटों से जीते थे ।1993 में हुए 10 वी विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर 2817 वोट का था।

1998 में हुए 11 वीं विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर 7563 वोट का था। 2003 में हुए 12 वी विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर 13735 वोट का था । 2008 में हुए 13 वी विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर 4127 वोट का था।2013 में हुए 14 वी विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर 8084 वोट का था। 2016 में हुए उपचुनाव जो घोड़ाडोंगरी विधानसभा का 15 वा चुनाव था इसमें जीत का अंतर 13182 वोट का था । 2018 में हुए 15 वी विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर 17927 वोट कर रहा है।

अब 2023 में विधानसभा चुनाव सामने हैं और घोड़ाडोंगरी विधानसभा के इतिहास को देखा जाए तो यहां पर भाजपा और कांग्रेस में मात्र कुछ हजार वोटों से हार जीत होती है। पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखे तो 17927 वोट से जीत हुई और जो 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। उनमें स्थिति यह है कि दिसंबर 2022 तक घोड़ाडोंगरी विधानसभा में 20488 नए मतदाता बढ़ गए हैं और विधानसभा चुनाव तक मतदाताओं का आंकड़ा और बढ़ जाएगा। निश्चित ही यह  नए मतदाता युवा वर्ग के होंगे जो पहली बार विधानसभा चुनाव में वोट करेंगे।

जब घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच जीत का अंतर मात्र कुछ हजार वोटों का होता है इस जीत के अंतर से बड़े आंकड़े के रूप में नए मतदाता आने वाले विधानसभा चुनाव में वोट करेंगे और इन युवा मतदाताओं का रुझान जिस और होगा । जिस प्रत्याशी को यह युवा मतदाता चाहेंगे उसे घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक के रुप में विकास की बागडोर सौपने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे ऐसा माना जा सकता है ।इतनी बड़ी संख्या में नए मतदाताओं के आने वाले विधानसभा चुनाव में वोट करने और इनके रुझान से आने वाला विधायक  तय होने की संभावनाओं को देखते हुए । राजनीतिक चर्चाओं की माने तो घोड़ाडोंगरी क्षेत्र से आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रमुख पार्टियों से युवा चेहरे देखने को मिल सकते हैं।

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लेखक प्रवीण अग्रवाल 1993 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय है दैनिक जागरण,नवभारत, नवदुनिया, दैनिक भास्कर  में न्यूज रिपोर्टर का कार्य कर चुके है।

 

 

 

 

 

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