सेव इंडियन फैमिली बैतूल की पहल पर भोपाल में जुटे मनोवैज्ञानिक और शिक्षाविद
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
भोपाल । विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अवसर पर सेव इंडियन फैमिली बैतूल (एसआईएफ बैतूल) द्वारा मानसिक स्वास्थ्य विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन भोपाल में किया गया। कार्यक्रम में सेव इंडियन फैमिली बैतूल के संस्थापक, पुरुष मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक एवं लेखक डॉ. संदीप गोहे ने संगोष्ठी का विषय एवं उद्देश्य प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है और इसकी पहुंच समाज के हर वर्ग,विशेष रूप से आपदा की घड़ी में होनी चाहिए।कार्यक्रम संयोजक मनोवैज्ञानिक, विकास हनवत ने आपदा, महामारी, युद्ध जैसी स्थितियों में उत्पन्न मानसिक संकट की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि ऐसी घड़ियों में मनोवैज्ञानिक सहायता कितनी जरूरी हो जाती है।
श्रीमती रोली मिश्रा, निदेशक तक्षशिला इंस्टिट्यूट फॉर चाइल्ड डेवलपमेंट ने आपदाओं के दौरान मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों, महिलाओं और वृद्धजनों की मानसिक स्थिति के बारे में बताया।
डॉ. कंचन माथनकर, सहायक प्राध्यापक, रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन की प्रभावी रणनीतिया साझा कीं और बताया कि कैसे योजनाबद्ध प्रयासों से मानसिक संतुलन बनाए रखा जा सकता है।
श्री अनिल कलाधरन, प्रोफेसर, राजीव गांधी कॉलेज ऑफ नर्सिंग एवं निदेशक, तक्षशिला इंस्टिट्यूट फॉर चाइल्ड डेवलपमेंट ने मानसिक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय बताए और समाज को इस दिशा में संगठित होकर काम करने की अपील की। कार्यक्रम के समापन पर सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षाविद, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।







