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*मुख्यमंत्री पद के दावेदार शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, नरेन्द्र सिंह तोमर, गोपाल भार्गव!*
*शिवराज सिंह चौहान नेता या अभिनेता के जादुई नेतृत्व में मिली भाजपा को अपार सफलता*
आशीष अग्रवाल
प्रदेश में अनुमान से कहीं अधिक सीटें जीतकर आई भाजपा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होगा या दिल्ली में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद होगा? इसको लेकर तरह-तरह के कयास जरूर लगाए जा रहे हैं। इसके लिए प्रदेश के कई भाजपा दिग्गज दिल्ली पहुंच चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व इंदौर-एक से विधायक चुने गए कैलाश विजयवर्गीय सोमवार सुबह ही दिल्ली रवाना हो गए। उनके समर्थक और प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से जीत दर्ज करने वाले विधानसभा क्षेत्र इंदौर-दो से विधायक रमेश मेंदोला ने खुद को मंत्री बनाए जाने को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में कहा कि लोग कैलाश विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। यह जनभावनाएं हैं कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें। इसी बीच, मध्य प्रदेश के प्रभारी और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी सोमवार को दिल्ली में थे। माना जा रहा है कि आगामी एक-दो दिन में विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है, इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व पर्यवेक्षक भेजेगा, जो मुख्यमंत्री के चयन के संबंध में आलाकमान को विधायको के निर्णय से अवगत कराएंगे। मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सबसे पहला नाम शिवराज सिंह चौहान का आता है, जिन्होंने प्रदेश में अन्य किसी भाजपा नेता को आगे बढ़ने ही नहीं दिया और स्वयं वन मैन शो की भूमिका में रहकर आम जनता जनार्दन के बीच अपनी छवि लोकप्रिय, जननेता बनकर रहे। शिवराज सिंह चौहान ने कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, जैसे नेताओं के कद को कभी बढ़ने नहीं दिया। मुख्यमंत्री की रेस में कैलाश विजयवर्गीय, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, गोपाल भार्गव के नाम चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राजनीतिक चाल चलते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री की दौड़ में न पहले था और आज भी नहीं हूं, मैं एक साधारण भाजपा का कार्यकर्ता हूं, हाईकमान के निर्देश का पालन करता हूं जो पार्टी निर्देश देगी। उसका पालन करूंगा। यह बोलकर गेंद भाजपा हाईकमान के पाले में डाल दी है। 5 महीने बाद लोकसभा के चुनाव आ रहे हैं ऐसे में भाजपा हाईकमान नेतृत्व बदलने में गंभीरता से विचार विमर्श करेगा। या फिर शिवराज की पसंद को तवज्जो दी जायेगी। शिवराज सिंह अगर मुख्यमंत्री नही बन सकें तो वह उनकी पसंद गोपाल भार्गव के नाम पर सहमति जताई जा सकती हैं। नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र की राजनीति पसंद करते हैं और शिवराज सिंह, कैलाश विजयवर्गीय को स्वीकार नहीं करेंगे। प्रहलाद पटेल पिछड़े वर्ग से आते हैं। राजनीतिक गलियारों में प्रहलाद पटेल का नाम मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। भाजपा हाईकमान संभावित प्रहलाद पटेल के नाम पर मोहर लगा सकते हैं।
*भाजपा की बंपर जीत कैसे हुई?, शिवराज ने किया जादुई नेतृत्व*
विधानसभा चुनावों में भाजपा की बंपर रिकार्ड जीत हुई हैं, अनुमान से कहीं अधिक सीटें मिली हैं। इस बंपर जीत का श्रेय किसको मिलता है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा की बंपर जीत का पूरा पूरा श्रेय शिवराज सिंह चौहान को जाता है जिन्होंने प्रदेश के मतदाताओं को अपनी योजनाओं के माध्यम से भाजपा की और आकर्षित किया है जिससे प्रदेश में ओसत मतदान से अधिक मतदान हुआ जो भाजपा के पक्ष में गया। जिससे प्रदेश में भाजपा को अनुमान से कहीं ज्यादा अधिक सीटें मिली हैं। जिसका पूरा पूरा श्रेय शिवराज सिंह चौहान को जाता है। सबसे ज्यादा चुनावी सभाओं को सम्बोधित किया और उनकी मेहनत का परिणाम यह है कि भाजपा को रिकार्ड जीत हासिल हुई हैं। प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने जादुई नेतृत्व करते हुए सर्वाधिक लोकप्रिय जननायक नेता के रूप में उभरकर सामने आए हैं और प्रदेश की आम जनता शिवराज सिंह चौहान को सबसे ज्यादा पसंद करती हैं। प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान आम पब्लिक की जनभावना से जुड़े हुए हैं, आमसभाओं में पब्लिक क्या सुनना चाहती हैं, यह शिवराज सिंह चौहान भली भांति जानते हैं और मंच से रैंप पर वॉक करते हुए जन भावनाओ से ओतप्रोत होकर लच्छेदार भाषण देते हैं, जिससे यह नेता नहीं अभिनेता बनकर उभरे और आम पब्लिक को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे हैं और विशेषकर प्रदेश में लाडली बहना योजना चलाकर महिलाओं में लाड़ले मुख्यमंत्री बन गए और को छात्राओं को स्कूटी, लैपटॉप आदि बांटकर शिवराज ने मामा के रूप में लोकप्रियता हासिल की। भाजपा सरकार ने अपनी योजनाओं से मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया। कांग्रेस की घोषणाओं की हवा निकालते हुए लाडली बहना योजना में 1500 की जगह 3000 रूपये तक की घोषणा की वहीं गैस सिलेंडर सस्ता करते हुए 500 रूपये में देने का वादा किया और 100 यूनिट तक 100 रूपये बिजली का बिल, किसानों की कर्जमाफी योजना, उनकी फसलों का बीमा, प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों का मुआवजा राशि देने से लेकर, भू माफिया, गुण्डा तत्वों के खिलाफ कार्यवाही, महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने में सफल रहे। सीएम राइस विद्यालय, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाने से लेकर इन योजनाओं के माध्यम से आम पब्लिक दिलो दिमाग पर छा गए।
कांग्रेस सरकार के पिछले 15 महीनों की सरकार को विफल बताते हुए आम जनता में भय का माहौल पैदा करने में सफल रहे।