BETULहम पीरियड्स को क्यों गंदी नजरों से देखते है? क्यों मानते है कि यह अच्छी चीज नहीं है? पीरियड्स वो फिनामिना है जो हमेें रेडी करता है, हमारी बॉडी को रेडी करता है बच्चे के लिए – फरहीन अमनवीर सिंह बैंस
BETUL बैतूल। जिले के विवेकानंद विज्ञान महाविद्यालय में बुधवार को मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों पर सतपुड़ा क्लब एवं बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा खुली चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में सतपुड़ा क्लब की अध्यक्ष फरहीन बैंस एवं सचिव लीना घोरे, समाजसेवी सुधा साबले, प्राध्यापक हेमलता लोखंडे, बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी पदम एवं कोषाध्यक्ष जमुना पंडाग्रे, सदस्य मेहरप्रभा परमार, चेताली गौर, सोनाली वागद्रे, प्रांजलि तरहाल्कर मौजूद थी। सतपुड़ा क्लब ने वीवीएम कॉलेज की छात्राओं एवं यहां पदस्थ महिला स्टॉफ के लिए सशक्त सुरक्षा पैड बैंक की सौगात दी।
गौरतलब है कि सतपुड़ा क्लब जिले का करीब सौ वर्ष पुराना क्लब है। इस क्लब की अध्यक्ष कलेक्टर की पत्नी होती है। पिछले कुछ वर्षों से क्लब की गतिविधियां रुक सी गई थी। क्लब के संबंध में जब कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस की पत्नी फरहीन बैंस को जानकारी प्राप्त हुई, तो इस क्लब को पुन: एक्टिव करने की पहल उनके द्वारा की गई। लम्बे समय से क्लब की प्रभारी अध्यक्ष के रुप में समाजसेवी नीरजा श्रीवास्तव क्लब का दारोमदार संभाले हुए थी। इस अवसर पर संस्था की सदस्य चेताली गौर ने नारी सशक्तिकरण पर रोचक एवं प्रेरक कविता का पाठ किया। स्वागत उद्बोधन के दौरान प्राध्यापक हेमलता लोखण्डे ने इसे कॉलेज के लिए अच्छी पहल बताया। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार व्यक्त करते हुए गौरी पदम ने महाविद्यालय संचालन समिति विजय साबले, निर्गुण देशमुख, कमलेश गढ़ेकर, संजय बालापुरे, डॉ कृष्णा खासदेव के प्रति आभार व्यक्त किया।
हम क्यों पीरियड्स को गंदी नजरों से देखते है?
कार्यक्रम की शुरुआत में मां सरस्वती का पूजन किया गया और इसके बाद फीता काटकर पैड बैंक की शुरुआत की। इस दौरान फरहीन बैंस ने छात्राओं एवं मौजूद अतिथियों, प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम पीरियड्स को क्यों गंदी नजरों से देखते है? क्यों मानते है कि यह अच्छी चीज नहीं है? पीरियड्स वो फिनामिना है जो हमेें रेडी करता है, हमारी बॉडी को रेडी करता है बच्चे के लिए। अगर हम बच्चों से प्यार करते है तो हमें इस विषय से भागना नहीं चाहिए। श्रीमती बैंस ने कहा हमें घरों में अपने माता-पिता, भाई-बहन के साथ खुलकर डिस्कस करना चाहिए।
जब तक हम घर में नहीं बात करेंगे तब तक इसका ये टैबू कि अरे ये क्या बात हो गई, छुपाकर रखों चीजे, ये नहीं जाएगी। यह विषय डिस्कस कीजिए मां से, बहनों से, बेटियों से, अपनी काम वाली बाईयों से उनकी बेटियों से तभी भ्रम टूटेगा। उन्हें प्रेरित कीजिए कैसे हम पीरिड्स के दिनों में हाईजिन को मैंटेन करके, इससे होने वाली बीमारियों को दूर रह सकते है। इस दौरान क्लब की सचिव एवं पर्यावरणविद लीना घोरे ने कहा कि सतपुड़ा क्लब को यह अवसर सशक्त सुरक्षा पैड बैंक की अवधारणा जिले को देने वाली गौरी पदम की वजह से मिला है। सतपुड़ा क्लब भविष्य में भी अन्य गतिविधियों में अब सहभागिता दर्ज कराएगा।
उन्होंने पीरियड्स से जुड़े अनुभव सुनाते हुए कहा कि जब वे स्कूल में थी तो उनके स्कूल में भी पैड की सुविधा नहीं होती थी। कई बार स्कूल छोडक़र घर आना पड़ता था। पैडबैंक हर स्कूल, कॉलेज एवं कार्यालय में होना चाहिए जहां महिलाएं और छात्राएं है।
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