घोड़ाडोंगरी तहसील क्षेत्र में चल रही कोयले की कालाबाजारी

चंडी माई का दरबार जहां श्रद्धालु नारियल से लेकर मुर्गे और बकरे की बलि – चिचोली गोधना के पास स्थित है यह प्रसिद्ध देवी स्थल

घोड़ाडोंगरी विकासखंड के पुनर्वास क्षेत्र चोपना की अवैध कोयला खदानों से कोयले का अवैध उत्खनन जोरों पर चल रहा है सूत्रों की माने तो इन अवैध कोयला खदानों से कोयला प्रदेश के अन्य बड़े शहरों फैक्ट्रियों में पहुंचाया जा रहा है क्षेत्र में चल रहे अवैध ईट भट्टे इन्हीं कोयला खदानों से निकले कोयले से ईट पका रहे हैं।

क्षेत्र के टेमरू,शिवनपाठ, दुलारा,दौड़ी और गोलाई खुर्द से अवैध कोयले का खनन करके ईट भट्टे सहित इटारसी महानगर पहुंचाने के गोरखधंधे में शामिल है।सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि कोयले की कालिख के खेल में अपने सफेद चेहरों को काला करते दिखाई दे रहे है।सूत्रों की माने तो बैतूल इटारसी से लेकर भोपाल तक भारी-भरकम रकम पहुंचाने का काम करता है।अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब अमर अकबर एंथोनी की तिकड़ी को अवैध कोयले में भारी-भरकम लाभ हो रहा है तभी तो रात के अंधेरे में बेखौफ होकर यह लोग पोकलेन और जेसीबी की मदद से 8 से 12 ट्रैक्टर ट्राली कोयला प्रतिदिन खनन करके बेखौफ होकर बाहर भेज रहे। ग्रामीण क्षेत्र से लेकर बैतूल इटारसी भोपाल तक ऐसे लोग हैं जिनको वह मैनेज करता है यानी कि मैनेजमेंट के नाम में पर लगभग प्रति माह 5 से आठ लाख रुपए बढ़ोतरी के तौर पर लोगों को देता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भी इन लोगों की इतनी बड़ी घुसपैठ है कि वह लोग इनके खिलाफ अपना मुंह खोलना पसंद नहीं करते कोयला कहां रखा है कहां से निकाला जाता है कहां पहुंचा जाता है किसी स्थान पर एकत्रित किया जाता है यह ग्रामीणों को सब भलीभांति मालूम होने के बाद जिला प्रशासन के लोग जब कार्रवाई के नाम पर यहां पहुंचते हैं तो इनके साथ रास्ता रोकना अधिकारियों का विरोध करना जैसे कार्य ग्रामीण करते हैं। अवैध कोयले की चोरी में कौन लोग शामिल है यह ग्रामीण बताने को तैयार नहीं होते।
संपूर्ण जिले में संचालित हो रहे ईट भट्टों की हो जाच
जिले में 10 ब्लॉक है और 10 ब्लॉक में लगभग ढाई सौ से अधिक अवैध रूप से ईट भट्टे का कारोबार संचालित हो रहा है और इन सभी ईटभट्टो मे अवैध रुप मे बड़ी मात्रा में खनन किया गया अवैध कोयला पहुंचाने का कार्य किया जाता है।सूत्रों की माने तो डब्ल्यूसीएल की भूमिगत खदानों से निकलने वाले कोयले की पंची का भी उपयोग यह लोग करते हैं। इन लोगों के पास डब्लूसीएल की भूमिगत खदान से रोड सेल के जरिए जाने वाले कोयले की पर्ची कैसे पहुंचती है, कौन पहुंचाता है यह सबसे बड़ा जांच का विषय बना हुआ है।अब खनिज,राजस्व विभाग की कड़ी निगरानी के बाद भी बेखौफ होकर यह चोरी का कोयला बैतूल जिले के 10 ब्लॉक के अलावा पड़ोसी जिला नर्मदा पुरम में भी पहुंचाया जा रहा है। इनके नेटवर्किंग से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जहां पर दूसरे लोगों के मोबाइल का नेटवर्क काम नहीं करता वहां पर कार्रवाई कब होगी कार्रवाई में कौन लोग शामिल होंगे कितने बजे मुख्यालय से निकलेंगे इसकी संपूर्ण अपडेट जानकारी छापामारी कार्रवाई करने की एक घंटे से चार घंटे पहले मिल जाती है। जिसमें टेमरू,शिवनपाठ,दुलारा, गोलाई खुर्द,दौड़ी की अवैध खदान शामिल है इन स्थानों पर प्रशासन के आला अधिकारियों को केवल अवैध रूप से खोदे गए गड्ढों के अवशेष मिलते हैं गड्ढों को खोदकर कोयले की कालिख को कहां पहुंचाने का काम करते हैं वह लोग जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के हाथ से निकल जाते हैं इससे छापामारी की कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे जिस तरह संपूर्ण जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन का मामला सुर्खियां बटोर रहा है उसी तरह लोगों को मैंनेज किए जाने का मामला भी सुर्खियां बटोर का दिखाई दे रहा है।

जाने कब से कहा भरायेंगे मुख्यमंत्री लाड़ली बहना’ योजना के फार्म

Get real time updates directly on you device, subscribe now.