गुरु को समर्पित गुरु पूर्णिमा

जितेंद्र मालवीय

गुरु को समर्पित गुरु पूर्णिमा
भारत भूमि पर समय-समय पर विभिन्न आध्यात्मिक व धार्मिक संतों ने जन्म लिया और जन कल्याण के लिए मनुष्य के विकास के लिए इन धार्मिक व आध्यात्मिक संतो के द्वारा उपदेश दिए गए किन उपदेशों को अपनी अंतरात्मा में धारण करने के बाद मनुष्य के हृदय में मानवता दयालुता, व करुणा प्रेम ने स्थान बनाया जिससे मानव में आपसी प्रेम समर्पण और त्याग की भावना जागृत हुई गुरु पूर्णिमा आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन अखाड़ी के रूप में मनाई जाती है,

गुरु में साक्षात ईश्वर का दर्शन किया जाता है माना जाता है कि गुरु ही अंधकार और अज्ञानता से निकालकर प्रकाश और जन कल्याण की धरना मानव मन में जागृत करता है ,
माता-पिता के बाद गुरु ही हमें शिक्षा देते हैं और हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं ऐसे में सनातनी हिंदू धर्म अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा के दिन को हम गुरु को समर्पित करते हैं इस दिन हम हमारे आध्यात्मिक धार्मिक गुरुओं को को प्रेम सम्मान व पूजन कर याद करते हैं इस दिन हम गुरु के प्रति पूजन अर्चन कर उनके मार्ग पर चलकर हमारे सांसारिक जीवन का उत्थान व विकास करते हैं ,

यह गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई दिन रविवार को मनाई जाएगी जहां पूरे भारतवर्ष में ही नहीं अपितु देश विदेश में भी गुरु के प्रति समर्पण प्रेम को पूजा जाएगा हमारे निजी जीवन में गुरु का महत्वपूर्ण योगदान बताया गया है साक्षात ईश्वर भी अपने गुरुओं को पूछते आए हैं सतयुग त्रेता युग और कलयुग में गुरु को ही मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन इस गुरु पूनम पर नगर के आसपास सभी गुरु स्थान व मंदिरों में श्रद्धालु भक्त व गुरु दीक्षा लेने वाले शिष्य अपने-अपने गुरुओं को विधि विधान से पूजेंगे गुरु पूर्णिमा के दिन नगर की सभी मंदिरों में गुरु पूजन किया जाएगा ।
जितेंद्र मालवीय

Get real time updates directly on you device, subscribe now.