शिवराज सरकार की नई सौगात : लाडली बहनों को मिलेंगे फ्री में पक्के मकान, आज से शुरू हुई यह योजना, यह है फॉर्म, आज ही भरे,5 अक्टूबर अंतिम तिथि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहनों के लिए लाडली बहन आवास योजना प्रारंभ की है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर यह योजना आज रविवार से शुरू होगी इस योजना के तहत जिन महिलाओं के पास पक्के मकान नहीं है सरकार उन्हें फ्री में रहने के लिए मकान देगी इस योजना को साकार रूप देने के लिए शिवराज सरकार ने कैबिनेट से मंजूरी दे दी है आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से इस योजना की शुरुआत हो रही है।
इस योजना का लाभ उन्हीं पात्र महिलाओं को मिलेगा जिनके पास रहने के लिए घर नहीं हैं।
लाडली बहना आवास योजना के लिए कुछ शर्ते तय की गई हैं। इन शर्तों को पूरा करने पर ही आवास योजना का लाभ मिलेगा। ग्राम पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार, इस योजना के लिए वह महिलाएं पात्र हैं जिनका नाम पीएम आवास योजना में किसी कारण से छूट गया है।
इसके साथ ही लाडली बहना योजना का लाभ ले रही उन महिलाओं को जिनके पास पक्के मकान नहीं हैं।
आज से होंगे रजिस्ट्रेशन
लाडली बहना आवास योजना की शुरूआत सीएम शिवराज सिंह चौहान पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन यानि 17 सितंबर से करेंगे। रजिस्ट्रेशन करने की आखिरी तारीख 5 अक्टूबर होगी।
योजना की पात्रता
ऐसे परिवार जो आवास प्लस एप पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं।
जो परिवार भारत सरकार के एमआईएस पोर्टल पर ऑटोमेटिकली रिजेक्ट हुए हो।
जो परिवार सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर्ड होने से चूक गए हों।
इसके अलावा साल 2011 की आर्थिक और जातिगत जनगणना में और आवास प्लस सूची में शामिल नहीं है। ऐसे परिवार को भी लाभ मिलेगा।
ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन
प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों को फॉर्म मिलेगा।
पंचायतें लाडली बहनों से आवास योजना के फॉर्म भरवाएगीं।
ग्राम पंचायत और ग्राम रोजगार सहायकों से सचिव रसीद प्राप्त करेगा।
इन फॉर्म को फिर लाडली बहना आवास योजना में रजिस्टर किया जाएगा।
ये बहनें होंगी अपात्र
सीएम लाडली बहना आवास योजना के लिए कुछ ऐसी शर्तें भी है जिनके चलते फॉर्म रिजेक्ट हो जाएगा। जिन परिवार के पास पक्की छत वाला मकान हो।
दो कमरों से ज्यादा कच्चा मकान है। परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी पर है।
परिवार के किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हैं।
परिवार का कोई सदस्य इनकम टैक्स भरता हो।
2.5 एकड़ से अधिक की खेती की जमीन हो।