इस विधानसभा से भाजपा, कांग्रेस से नया चेहरा फहरा सकता है जीत का परचम, इन मुद्दों को लेकर भाजपा से नाराज हैं लोग, कई गांव के लोगो ने विधायक – सांसद को नही देखा

प्रवीण अग्रवाल

विधानसभा चुनाव की संभावनाओं को देखते हुए घोड़ाडोंगरी विधानसभा 132 में भी चुनावी सुगबुगाहट प्रारंभ हो चुकी है। आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों ने अपना मन बनाना प्रारंभ कर दिया है कि इस बार किस पार्टी को वोट देना है। घोड़ाडोंगरी विधानसभा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट है।

सीधी टक्कर

इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस में ही सीधी टक्कर होती है। मात्र कुछ हजार वोटों के अंतर से हार जीत होती है ।घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के लोगों की आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर क्या राय है । यह जानने के लिए घोड़ाडोंगरी शाहपुर चिचोली तहसील क्षेत्र के गांव में पहुंचकर लोगों के मन को टटोला। जिसमें सामने आया कि

विकास के दावे खोखले

घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश गांव आज भी मूलभूत आवश्यकता पानी और गांव में सड़क की समस्या से लोग परेशान हैं । गांव के अंदर की सड़कें नहीं बन पाने के कारण बारिश में सड़कों पर कीचड़ हो जाता है। लोगों ने बताया कि मरीज को खटिया में ले जाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है ।

75 साल बाद भी नही हुई हल

अधिकांश गांव में लोग पीने के पानी की समस्या से भी जूझ रहे हैं ।क्षेत्र के अधिकांश गांव में नल जल योजना पहुंची ही नहीं है। जहां पहुंची है वहां भी कहीं पानी मिल रहा है तो कहीं नहीं मिल रहा। भौरा क्षेत्र के हांडीपानी के झिरियाडोल जलाशय का काम आज तक पूर्ण नहीं होने के कारण चिखलदा बुजुर्ग सहित आसपास के गांव के लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। यहाँ के ग्रामीणों ने बताया कि हांडीपानी जलाशय का काम कई वर्षों से अधूरा है। जिसके कारण भी यहां पर पानी की बड़ी समस्या है।

मुख्यमंत्री का वादा अधूरा

खेतों में फसल सूख जाती है पानी की कमी के कारण। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी इस क्षेत्र में दौरे के दौरान कहा था कि इस जलाशय का काम पूर्ण होगा । लेकिन आज तक पूर्ण नहीं हो पाया । जिसके कारण 10 से 15 गांव के लोग भाजपा से नाराज चल रहे हैं। इस समस्या का समाधान होने से लोगों की नाराजगी दूर हो सकती है ।

झूठे वादे पड़ेंगे भारी

जनप्रतिनिधियों के झूठे वादे से भी लोगों में नाराजगी है।चुनाव में वोट लेने के दौरान कई गांव में कई तरह के वादे करके वोट तो ले लिए। जीतने के बाद उस गांव में वापस नहीं पहुंचे। इन बातों को लेकर भी लोग पुराने जनप्रतिनिधियों से नाराज हैं। जिसका खामियाजा भी ऐसे पुराने चेहरों को झेलना पड़ सकता है।

विधायक सांसद को नहीं देखा

घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के गांव में जाकर लोगों से बातचीत करने पर कई गांव के लोगों ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि उनके विधायक सांसद कैसे दिखते हैं। केवल नाम सुना है । आज तक हमारे गांव में कहीं विधायक तो कहीं सांसद पहुंचे ही नहीं। भाजपा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कहने पर लोगों ने वोट तो डाल दिए लेकिन उनके जनप्रतिनिधि इतने वर्षों में भी उनकी सुध लेने उनके गांव में नहीं पहुंचे।

नए चेहरे से उम्मीद

वर्तमान जनप्रतिनिधियों से असन्तुष्ट लोग नए चेहरे में उम्मीद तलाश रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से जो नया चेहरा जनता के बीच जाएगा और उसे लोग पसंद करेंगे तो उस पार्टी को जीत का सेहरा बंध सकता है ।

ये जाति वर्ग का है बाहुल्य

घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी ,हरिजन ,यादव ,बंगाली, कुर्मी समाज का बाहुल्य है। इस वर्ग के लोग भी किसी एक पार्टी को पूर्ण रूप से समर्थन नहीं करते। हर गांव में लोग अलग-अलग पार्टियों से जुड़े हुए हैं। दोनों ही प्रमुख पार्टियों मैं लगभग बराबर की ही टक्कर रहती है। अधिकांश गांव में देखा गया कि भाजपा समर्थक और कांग्रेस समर्थक लोग नए चेहरों को पसंद कर रहे हैं। माना जा रहा है कि जो पार्टी नए चेहरों को तवज्जो देगी उसके सिर पर जीत का सेहरा बंध सकता है।

यह मुद्दे दिखा सकते है असर

इन दिनों लोगों की माने तो कांग्रेस समर्थक जहां ₹500 में गैस सिलेंडर, किसानों की कर्ज माफी और नारी सम्मान में 1500 देने की घोषणा से अति उत्साहित हैं । वहीं भाजपा समर्थक भी लाडली बहना योजना में 1000 मिलने से संतुष्ट नजर आ रहे हैं। भाजपाई मानते हैं कि भाजपा सरकार में विकास हुआ है । फिर भी इस विधानसभा चुनाव में गैस सिलेंडर के बढ़ते दाम और किसानों की कर्ज माफी का असर देखने को मिल सकता है।

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