कमलनाथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को सौंपा सुझाव पत्र

मूलचंद मेधोनिया

भोपाल। मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के द्वारा मांग हो रही है कि आजादी के लिए अंग्रेजों से मुकाबला कर प्राणों की आहुति देने वाले व महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में सन 1942 में स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका अदा करने वाले महान क्रांतिकारी अमर शहीद वीर मनीराम अहिरवार जी जिला नरसिंहपुर के चीचली नगर के थे। जिन्हें आज तक सम्मान नहीं प्राप्त है। जिसकी सामाजिक लोगों और अनुसूचित जाति,

अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के सामाजिक संगठनों के सम्मानित पदाधिकारीगणों द्वारा मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी भोपाल के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ जी पूर्व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश के निवास पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के संयोजक एवं मध्यप्रदेश प्रभारी श्री हेमंत नरवरिया जी के द्वारा अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ दिनांक 7 जून 2023 को उनके निवास पर पहुंचकर वीर

मनीराम अहिरवार जी को राष्ट्रीय शहीद का दर्जा दिलाने की मांग का सुझाव पत्र दिया।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के एकमात्र अनुसूचित जाति के वीर शहीद मनीराम जी अहिरवार हुये है। जिन्हें अभी तक दबाकर रखा जाता रहा है। जबकि उन्होंने महात्मा गांधी के द्वारा आजादी के आन्दोलन में अहम भूमिका अदा कर चीचली गौड़वाना राजमहल की सुरक्षा में तैनात होकर सीधा अंग्रेजी सेना से युद्ध लडा और उन्हें परास्त कर गांव से खदेड़ दिया था। जिन्हें पर

चलीं गोली से वीरांगना गौरादेवी जी एवं वीर मंशराम जसाटी वीरगति को प्राप्त हुये थे। बाद में धोका व छल कपट से वीर मनीराम अहिरवार जी को अंग्रेजी सेना उन्हें गुप्त रूप से गिरफ्तार कर जेल ले गई। जहां पर उन्होंने चीचली राजा के गुप्त व राजमहल की धरोहर सहित अन्य रहस्य जानकारी लेना चाहते थे। जिन्हें न देने पर अंग्रेजों के द्वारा अत्याचार किये। उन्हें जिंदा रखने की शर्त दी गई थी कि वह अनुसूचित जाति और जनजाति

वर्गों के लोगों को अग्रेजी सेना में गुलामी एवं बेगारी करने हेतु लायें। जो कि वीर मनीराम जी ने कोई भी शर्त स्वीकार न करने पर अनगिनत जुल्म, अत्याचार को झेले।
अंग्रेजों द्वारा उन्हें सेना का सरदार बनाने की भी शर्त रखी लेकिन देश प्रेमी व स्वाभिमानी मनीराम अहिरवार ने देश के खातिर शहादत देना स्वीकार किया। उन्हें अंग्रेजों के द्वारा उनकी जेल में दफन किया गया। चालाक अंग्रेजों ने उनकों किसी भी रिकार्ड में दर्ज नहीं किया। वहीं जातिगत भेदभाव मानने वाले लोगों ने वीर

मनीराम अहिरवार का इतिहास को छुपाने का भरसक प्रयास किया। लेकिन उनके जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उन दिनों का इतिहास लेखन करने वाले लोगों के द्वारा थोड़ा बहुत लिखा जो आज भी मौजूद है। चीचली के शहीद व सेनानियों के परिजनों के द्वारा उनकी जानकारी रखते हैं। तथा जब जब चीचली में शहीदों को नमन किया गया तब तब नेताओं ने वीर मनीराम अहिरवार

जी की शहादत व वीरता के गुणगान किया गया। लेकिन किसी ने भी प्रयास नहीं किया कि इन्हें सम्मान प्राप्त हो।
माननीय श्री कमलनाथ जी को अनुसूचित जाति के प्रतिनिधि मंडल के लोगों ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस अपने वचन पत्र 2023 में नाम शामिल करें। तथा चीचली में उनके जन्म स्थान पर विशाल स्मारक बनाया जाये। शहीद उत्तराधिकारी के रूप उनके पोता श्री मूलचन्द मेधोनिया है जिन्हें कांग्रेस की सरकार

मध्यप्रदेश में बनने के पश्चात सम्मानित किया जाये। तथा परिवार की सम्पूर्ण मदद कर शहीद परिवार जनों के साथ न्याय किया जाये। श्री कमलनाथ जी को सुझाव पेश करने के अवसर पर श्री हेमंत नरवरिया जी सहित विधायक श्री बैजनाथ कुशवाहा, मिशनरी गायक कलाकार श्री राजू भारती, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी भोपाल के प्रदेश सचिव श्री सुनील बोरसे इत्यादि

मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के सम्मानित पदाधिकारीगण विशेष रूप से थे। कांग्रेस के द्वारा उक्त मांग को गंभीरता से लेते हुए वीर शहीद मनीराम अहिरवार जी को राष्ट्रीय शहीद का दर्जा दिलाने की मांग अपने घोषणापत्र में शामिल करने से आने वाले चुनाव में पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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