आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य 108 मुनि श्री सुप्रभ सागर जी एवं श्री प्रणत सागर जी का जुन्नारदेव (परासिया) पंचकल्याणक महोत्सव समापन पश्चात
उज्जैन में चातुर्मास हेतु मंगल विहार हो रहा है! इसी तारतम्य में दोनों मुनिश्री के पावन चरण हमारे नगर घोड़ाडोंगरी में पड़े जिनकी आहार चर्या देखने एवं मंगल आशीर्वाद प्राप्त करने का हम सभी को सौभाग्य प्राप्त हुआ!