कलेक्टर ने बीएमओ को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने हेतु निर्देशित किया

शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो- कलेक्टर

जो बच्चे जहां हों, वहां टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए

कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए बच्चों के टीकाकरण कार्य में कोई लापरवाही नहीं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया जाए। जो बच्चे जहां हो, वहां समन्वय कर टीकाकरण करवाया जाए। उन्होंने कहा कि अभी तक एनीमिया मुक्त युवा अभियान में जिले में बेहतर परिणाम परिलक्षित हुए हैं। इस अभियान को गति देकर जिले को शत प्रतिशत एनीमिया मुक्त किया जाए।

श्री बैंस गुरूवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर श्री बैंस ने मीजल्स रूबैला निर्मूलन अभियान के बारे में निर्देशित करते हुये कहा कि अभियान के दौरान दिसम्बर 2023 तक की समय सीमा का पालन करते हुये मीजल्स रूबैला निर्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि

मानक मानदण्डों के अनुसार फीवर रैश केसेस की सेम्पलिंग करवाएं। निर्मूलन हेतु एमआर-1, एमआर-2 के टीकों को 95 प्रतिशत तक पहुंचाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य दलों को निर्देशित किया जाये कि फील्ड में जाने वाले दल एएफपी एक्यूट फ्लेसिस पैरालेसिस पर विशेष ध्यान दें।

टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुये कलेक्टर श्री बैंस ने निर्देश दिए कि ऐसे सब-सेंटर चिन्हित किये जाएं जहां 50 प्रतिशत टीकाकरण भी नहीं हुआ है। जिन बच्चों का पलायन के कारण टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके फोन नम्बर पर सम्पर्क कर उनसे जानकारी लें कि टीका लगा या नहीं। बाहरी स्थल पर टीकाकरण की सेवाएं देने वाली संस्थाओं से सम्पर्क कर जिले के पलायन वाले बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करें।

जिले की टीम एवं संबंधित नजदीकी पलायन किये गये प्रदेश के स्थल की स्वास्थ्य टीम से सम्पर्क कर चर्चा करें। बैठक आयोजित कर आंकड़ों का मिलान करें एवं पलायन स्थल पर ऐसे बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करें। पलायन कोई बहाना नहीं होगा, पलायन वाले बच्चों का भी शत्प्रतिशत टीकाकरण हमारी जिम्मेदारी है। खंड चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आंकड़ों का मिलान कर सही रिपोर्ट संधारित करें।

कलेक्टर श्री बैंस ने एनीमिया मुक्त युवा अभियान की समीक्षा करते हुये निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्र बैतूल में उल्लेखनीय प्रगति अर्जित न करने वाले एपीएम श्री सुभाष बिंझाड़े की सेवाएं समाप्त किया जाना प्रस्तावित किया जाए। शहरी क्षेत्र बैतूल में अभियान के तहत् छूटे बच्चों के घर-घर जाकर उनका एनीमिया टेस्ट करें। विकासखंड आठनेर में सीवियर एनीमिया शून्य रिपोर्टिंग होने पर एवं विकासखंड आमला में दस बच्चों के सीवियर एनीमिक होने पर रेंडमली चेक कराने के निर्देश दिये।

खंड चिकित्सा अधिकारी सेहरा को एनीमिया अभियान में अपेक्षाजनक उपलब्धि न अर्जित करने पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने हेतु निर्देशित किया। विकासखंड शाहपुर, भैंसदेही एवं सेहरा कम उपलब्धि वाले विकासखंड हैं, इन तीन विकासखंडों के मैदानी स्वास्थ्य अमले द्वारा कितने एवं कहां-कहां भ्रमण किये गये की रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने निर्देशित किया कि

अभियान के तहत विकासखंड भीमपुर एवं घोड़ाडोंगरी की पांच-पांच ग्राम पंचायतों के 0 से 18 वर्ष तक के 100 प्रतिशत बच्चों का सेम्पलिंग कराना सुनिश्चित करें। सीबीसी टेस्ट द्वारा माइल्ड, मोडरेट एवं सीवियर एनीमिया की जानकारी प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। अभियान के उद्देश्य की पूर्ति करते हुये माइल्ड केटेगरी के बच्चों को सामान्य केटेगरी में लाना सुनिश्चित करें।

मातृत्व स्वास्थ्य की समीक्षा करते हुये कलेक्टर श्री बैंस ने निर्देश दिए कि पोर्टल में एन्ट्री की जिम्मेदारी सीएचओ की भी सुनिश्चित की जाये। प्रसव पूर्व चार जांचों के संबंध में उन्होंने निर्देशित किया कि निर्धारित समय पर एन्ट्री सुनिश्चित की जाये। शासन की गाइड लाइन के अनुसार महिलाओं को आयरन सुक्रोज इंजेक्शन लगवाने की बेहतर प्रक्रिया सुनिश्चित की जाये। पीआईएच, हाई बीपी की समीक्षा के दौरान विकासखंड प्रभात पट्टन में 858 के विरूद्ध 5 की उपलब्धि पर

बीएमओ प्रभात पट्टन को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने हेतु निर्देशित किया। सब हेल्थ सेंटरवार आंकड़ों में सुधार सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया। समग्र डिटेल अपडेशन का कार्य प्रगति से करें। पाढर चिकित्सालय में स्थापित एनआरसी को शाहपुर में शिफ्ट किये जाने हेतु आवश्यक निर्देश दिये। क्षय कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान निर्देशित किया कि टीबी मुक्त बैतूल के लिये प्रति लाख जनसंख्या पर 3500 जांच कराना सुनिश्चित करें। समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी

अधिकाधिक खखार जांच संग्रहण के लिये पूर्ण प्रयास सुनिश्चित करें। क्षय कार्यक्रम की समीक्षा प्रतिमाह की जायेगी। क्षय कार्यक्रम में रिपोर्ट को वर्गीकृत एवं मोडिफाइ किये जाने हेतु निर्देश दिये।

इस दौरान डीएचओ डॉ. मनोज हुरमाडे, डीएसओ डॉ. राजेश परिहार, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ अरविन्द भट्ट, जिला चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सक, जिला स्तर के राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं ब्लाक स्तरीय संबंधित कर्मचारी मौजूद रहे।

 

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