स्क्रेप कांड में पुलिस द्वारा जब्त चीप मे शामिल अधिकारियो की लोकायुक्त एवं महानिदेशक राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो मध्य प्रदेश शासन से उच्च स्तरिय जांच की जाए = रंजीत सिह
पुलिस द्वारा जप्त चीप से स्क्रैप ठेकेदार एवं कोल ट्रांसपोर्टरों में हड़कंप का माहौल इनके 3 वर्षों की कार्याआदेश की जांच की मांग
मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी जबलपुर एवं सारणी के अधिकारियों द्वारा शासन का करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया
स्क्रैप कांड मे शामिल भारत स्टील ट्रेडर्स के संचालक एवं ड्राइवर की सीडीआर की उच्च स्तरीय जांच की जाये = रंजीत सिह
सारनी । हाल ही मे हुए स्क्रेप कांड की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए एक पत्र भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक एव विधायक प्रतिनिधी रंजीत सिंह ने श्रीमान लोकायुक्त एवं महानिदेशक राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया है की दिनाँक 21/3/2023 को सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी से निर्धारित क्षमता से ज्यादा स्क्रैप भरकर निकले चौपहिया वाहन को मुखबिर की सुचना पर सारनी पुलिस ने
पकड़कर ड्राइवर से पूछताछ की तो उसमे बिल्टी पर दर्शाई मात्रा से अधिक स्क्रैप भरा पाए जाने पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर जांच मे लेकर तापगृह प्रबंधन को सूचित किया,जिस पर संज्ञान लेते हुए एमपीपीजीसीएल सारनी प्रबंधन ने आनन फानन मे संबंधित मामले मे स्पष्ट रुप से जिम्मेदार तौल काटा नियंत्रक आधिकारी सहायक अभियंता आई आर खान की भुमिका संलिप्त प्रतित होने पर भी जानबूझकर उसे बचाते हुए छोटे अधिकारियो, एव कर्मचारियों को निशाने पर लेकर निलंबनात्मक कर्रवाई संपूर्ण जॉच किए बीना किया जाना न्यायसंगत नही प्रतित होता है,
विदित हो की कोल हैंडलिंग प्लांट मे पदस्थ सहायक अभियंता आई आर खान की भुमिका इसके पहले भी कोल एव स्क्रैप मामले मे संदिग्ध रही है, जिसको गंभीरता से लेकर विगत समय मे इनका स्थानांतरण सारनी से अन्यत्र किया गया था,परन्तु इन्होंने ऐन केन प्रकरण अपना स्थानांतरण पुनः सारनी तापगृह मे कराकर कोल हैंडलिंग प्लांट मे पदस्थ होकर तौल काटा नियंत्रक होकर सुरक्षा अमले से विशेष रुप से सुरक्षा अधिकारी से साठगांठ कर स्क्रैप एवं कोल ट्रांसपोर्ट मे तोल काटा मे छेड़छाड़ किये जाने की चर्चाएं आम है,
इनकी भुमिका की विशेष रूप से जांच की जानी चाहिए। क्योंकि पिछले दिनों पुलिस को सीएचपी तोल कांटे के नीचे एक चीप मिली है जिसकी जांच साईबर को भेजी जा रही है सीएचपी से पुलिस टीम द्वारा चिप बरामद करते हैं कोल हैंडलिंग प्लांट के अधिकारियों एवं मध्य प्रदेश जनरल कंपनी जबलपुर सारनी के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है जबकि पहले भी कोयला कांड हो चुका है जिससे यह स्पष्ट होता है कि चिप का उपयोग सिर्फ स्क्रेप के भार को बढ़ाने घटाने में ही नहीं कोल ट्रांसपोर्ट में भी किया गया होगा। क्योंकि इस समय
परासिया के अवनिष लॉजिस्टिक एवं अनन्तक लॉजिस्टिक लोकल ट्रांसपोर्ट से कोयला का वेट इसी सीएचपी तोल काटे से किया गया कहीं ऐसा तो नहीं मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के अधिकारी की मिलीभगत से कोयले की भारी हेराफेरी की गई होगी क्योंकि पिछले दिनों परासिया से कोयले आने वाले डंपर से कोयले कम पाए गये जिसके शिकायत थाने में हुई थी कॉल माफिया द्वारा कोयले की चोरी की जा रही थी दो टन कोयला प्रति ट्रीप चोरी होने के बावजूद कोयले की वेट में
कोई कमी नहीं आ रही थी कोयला निकालने का कार्य अधिकारियों एवं कोल ट्रांसपोर्ट एव कोल माफियाओ के बीच कई वर्षों से चल रहा था इससे साफ जाहिर होता है डंपर को तोल कांटे पर हेराफेरी की गई। क्योंकि स्क्रेप कांड में पुलिस द्वारा जब्त कीये गये वाहन के ए 01 एएच 7710 के चालक माहिर पाशा और भारत स्टील ट्रेडर्स के संचालक असगर खान के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया गया और आनन फानन उनकी
जमानत हो गई पुलिस द्वारा उनकी रिमांड ली जाती इस मामले में लिप्त मध्य प्रदेश पावर जनरेटिक कंपनी जबलपुर एव सारनी के बड़े-बड़े अधिकारी का नाम सामने आता । इसके पहले भी मैंने 23 मार्च को प्रबंध निदेशक जबलपुर के श्री मंजीत सिंह को पत्र लिखकर एवं पुलिस प्रशासन से मांग की थी ड्राइवर एवं भारत स्टील ट्रेडर्स के संचालक की सीडीआर निकाली जाए कि वह कीन अधिकारियों के संपर्क में था और सीएचपी तोल काटे मे सिर्फ इस पर भी नहीं कोल ट्रांसपोर्ट में भी
बहुत ही बड़े पैमाने पर हेरफेर किया गया और चिप लगाकर शासन के करोड़ो रु का नुकसान हुआ है ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और जो जबलपुर से 7 सदस्यीय टीम जबलपुर से आई थी इनकी भूमिका की जांच की जाए इन्होंने आनन फानन सही जांच न करके अधिकारियों को क्लीन चिट देते हुए पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठा दिया जबकि तोल काटे का मेंटेनेंस का कार्य नागपुर के कंपनी द्वारा
किया जा रहा था क्या उन्होंने इसके पहले तोल काटे का बारीकी से अध्ययन किया था अगर उन्हें चीप दिखी थी तो इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को क्यों नहीं दी और कोल ट्रांसपोर्ट एवं स्क्रैप काण्ड मैं शामिल दो लोकल पेटी कांट्रेक्टर की भूमिका की भी जांच की जाए कहीं ऐसा तो नहीं कि यह बहुत बड़ा रैकेट अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा था यह सिर्फ दिखाने के लिए स्क्रैप काण्ड तक ही जांच को सीमित किया जा रहा है । जबकि यह काम पिछले दो-तीन वर्षों से किया जा रहा है इसके पहले भी कोल ट्रांसपोर्ट में इसका खुलासा
हो चुका है जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत से इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है इसलिए यह मामला की उच्च स्तरिय जांच होना चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए और साथ ही पिछले 3 वर्षों में स्क्रैप एवं कोल ट्रांसपोर्ट के समस्त कंपनियों की जांच होनी चाहिए कि अभी तक कितनी कंपनियों ने एमपीजीसी एल सारणी से स्क्रैप एवं कोल ट्रांसपोर्ट का टेंडर लिया है कहीं ऐसा तो नहीं अधिकारियों की मिलीभगत से यह बंदरबांट किया जा रहा हूं ।
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में पदस्थ कुछ अधिकारियो द्वारा पॉवर हाउस के बड़े कामों का ठेका लेने वाली फर्मों से सारनी के दो ठेकेदार की सिफारिश कर इन्हे प्रत्येक कार्य पेटी कांटेक्टर के रुप मे आख़िर क्यों दिलाया जाता है जिसमें मैसर्स लोकनाथ एवं अक्का लॉजिस्टिक को करीबन 100 करोड़ों का काम दिया गया जो जबलपुर के उच्च अधिकारियों के मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है और स्क्रैप कांड अधिकारियों द्वारा एक ही पेटी कांट्रेक्टर को बार-बार उसकी अनुशंसा से कार्य क्यों दिया जा रहा है इनकी विस्तृत जांच की जानी चाहिए
व एव अन्य ठेकेदार को कम्पनी का कोई भी बड़ा कार्य पेटी कॉन्ट्रेक्टर के रुप मे आवंटित नही होता है,जो अधिकारियो से मिलीभगत कर पॉवर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड सारनी को विगत कई वर्षों से आर्थिक नुकसान पहुंचाकर मोटा मुनाफा कमा रहे है। पिछले कई वर्षो से तौल काटा मे हेरा फेरी कर कंपनी को करोडो का नुकसान पहुंचाया जा रहा है । ट्रक ड्रायवर एवं उनके संचालक की सीड़ीआर निकाली जाये की वह किन किन लोगो के संर्पक मे था कर्नाटक
की भारत स्टील ट्रेडर्स कंपनी के लोकल कौन सहयोगी है जो इनको मदत कर रहे है जो घोड़ा डोगरी स्क्रेप डम्प करने से लेकर लोकल अधिकारियो का सहयोग मिल रहा है। भारत स्टील ट्रेडर्स की खुद की गाड़ी ड्रायवर और लेवर भी कर्नाटका के है और यह लेवर शांपिग सेन्टर के एक होटल एव वार्ड 1 मे रुके हुए थे जो जाँच का विषय है की लोकल सपोट के बगैर इतनी बडी स्क्रेप चोरी नही किया जा सकता है। लोकल पेटी कान्ट्रेक टर एव एमपीजीसीएल से जुड़े अधिकारी जो इनको सहयोग करते है इनकी जाँच होनी चाहिये।
मैंने तौल काटा नियंत्रक अधिकारी सहायक अभियंता आई आर खान की भूमिका की जांच की मांग की थी क्योंकि तौल कांटे मैं इनका नाम बार-बार आना बहुत बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करता है कि इस अधिकारी की कौन लोग सपोर्टर है इनकी भी सीडीआर निकाली जाए किन लोगो ने स्थानांतरण होने के बावजूद उन्हे पुनः सारणी लाया गया जिनके कॉल ट्रांसपोर्ट एवं स्क्रेप ठेकेदारों से मधुर संबंध इनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए इनका स्थानांतरण करके बडे अधिकारियों को बचाया जा रहा है ।इसकी शिकायत मैंने पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री,ऊर्जा मंत्री, प्रमुख सचिव, सांसद विधायक व एमडी से की है ।