ग्राम भारती महिला मंडल द्वारा म. प्र जल निगम मध्यप्रदेश शासन का उपक्रम जल जीवन मिशन परियोजना कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण आयोजन किया गया

 

 प्रधान मंत्री जी का संकल्प है की 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र में हर घर नल से जल पहुचाने एवं रोजाना प्रति व्यक्ति 55 लीटर एवं पशु हेतु 15 लीटर तक नियमित पानी की प्राप्ति हो इसी के अंतर्गत यह जल जीवन मिशन योजना की शुरुवात की गई।
उक्त मिशन में गढ़ा, मेंढ़ा,वर्धा,घोघरी,अप्पर वेड़ा, समूह जल प्रदाय योजना बैतूल जिसकी परियोजना क्रियान्वयन इकाई भोपाल म.प्र एवं क्रियान्वयन संस्था ग्राम भारती महिला मंडल बैतूल है इस परियोजना में 3 जिले के 227 ग्राम चयनित किए गए है जिससे इस परियोजना द्वारा इन ग्रामों को लाभांतित किया जाएगा।
म.प्र जल निगम का गठन मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रदाय हेतु समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु 06 जून 2012 को मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित का गठन किया गया है। मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित, कार्यालय द्वितीय तल, ’घ’ विंग, विन्ध्याचल भवन, भोपाल में दिनांक 01/09/2012 से प्रारंभ किया गया। उक्त परियोजना की दृष्टि सतही स्त्रोत आधारित योजनाओं के माध्यम से परिवार स्तर पर नल कनेक्शन द्वारा सुरक्षित एवं पर्याप्त मात्रा में पेयजल तथा उद्योग हेतु अषोधित जल की उपलब्धता एवं, जलमल (सीवरेज) का सुरक्षित निष्पादन करना है। परियोजना का मिशन प्रत्येक घर एवं प्रत्येक परिवार के व्यक्ति तक नल के माध्यम से जल पोहुचाना है।

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उक्त परियोजना का मुख्य उद्देश्य

1.शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हर वर्ष प्रत्येक घर के परिसर में नल कनेक्शन द्वारा स्थायी आधार पर पर्याप्त मात्रा में सभी घरों में सुरक्षित पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने और सीवरेज का उचित उपचार और निपटान सुनिश्चित करना।

2. शहरी / ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समूह जल आपूर्ति और सीवरेज निपटान योजनाओं के डिजाइन, अनुमान, निर्माण, संवर्द्धन और निविदा दस्तावेज तैयार करने, मंजूरी देने और कार्य आदेश जारी करने और मॉनिटर करने के लिए समूह जल आपूर्ति और सीवरेज निपटान योजनाओं की निगरानी करना।

3. पीने के उद्देश्य के लिए सतह के पानी, भूजल और वर्षा जल के संयोजन का उपयोग सुनिश्चित करना।

4. सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से समूह जल आपूर्ति योजनाओं के संचालन और रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए जल उपयोगकर्ताओं के संघ बनाने के लिए समुदाय के बीच जागरूकता उत्पन्न करना।

5. उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, राज्य या केंद्र सरकार, विदेशी संस्थानों, आदि से सहायता या ऋण के रूप में वित्तीय सहायता की व्यवस्था करना ।

6. पेयजल आपूर्ति और सीवरेज, राज्य या केंद्र सरकार और अन्य प्रतिष्ठित राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय से संबंधित अनुसंधान सेवाओं और विकास और प्रशिक्षण को पूरा करना ।

7. समूह जल आपूर्ति और सीवरेज योजनाओं और संबद्ध बुनियादी ढांचा परियोजनाओं या उपरोक्त खंडों में परिकल्पित वस्तुओं के निष्पादन के लिए राज्य सरकार की एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।

8. सुरक्षित पेयजल और शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सीवरेज के निपटान के लिए परिप्रेक्ष्य रणनीतिक योजना तैयार करना और विकसित करना।

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9. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की जल आपूर्ति और सीवरेज उपचार योजनाओं के संचालन और रखरखाव की पहचान और आउटसोर्स करना।

10. उद्यमियों, उद्योगपतियों, व्यवसायी प्रवर्तकों और विकास संगठनों और संस्थानों को आकर्षित करने और आमंत्रित करने के लिए सभी कदमों को प्रोत्साहित करने और लेने के लिए, जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए विभिन्न परियोजनाओं की योजनाओं को बढ़ावा देने, लागू करने, लागू करने और कार्यान्वित करना ।

11. मध्य प्रदेश सरकार की मौजूदा पेयजल आपूर्ति योजनाओं में सुधार, परिशोधन या पुनर्गठन करना ।

 संस्था द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में परियोजना स्टाफ जैसे परियोजना समन्वयक,क्लस्टर समन्वयक एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर आदि उपस्थित रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन लीलाधर गड़ेकर द्वारा किया गया एवं संस्था अध्यक्ष श्रीमती भारती अग्रवाल उपस्थिति रहे

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