महिला की सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझी, पति ने ही की थी हत्या, बेटे के साथ मिलकर लगाया था लाश को ठिकाने
महिला की सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझी, पति ने ही की थी हत्या, बेटे के साथ मिलकर लगाया था लाश को ठिकाने ।।रानीपुर।।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के रानीपुर थाना क्षेत्र में महिला की सिर कटी लाश की गुत्थी आखिरकार पुलिस ने सुलझा ली है। महिला की हत्या उसी के पति ने की थी। हत्या के बाद उसने अपने बेटे के साथ मिलकर ठिकाने लगाया था। इस अंधेकत्ल को सुलझाने में पुलिस को बड़ी मशक्कत करना पड़ा। इस गुत्थी को सुलझाने में पुलिस को करीब 3 महीने लग गए।
एसपी सिमाला प्रसाद ने पत्रकार वार्ता में इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि थाना रानीपुर में 29 दिसंबर 2022 को हनुमान डोल मंदिर के पुल के नीचे सिर कटी लाश मिली थी। पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद के नेतृत्व में व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी के मार्गदर्शन व एसडीओपी सारणी रोशन जैन की निगरानी में थाना रानीपुर द्वारा मामले की गम्भीरता को देखते हुए लगातार मामले को सुलझाने प्रयास किए गए। आरोपी की तलाश हेतु सायबर की मदद भी ली गई वहीं घटना के दौरान वहां से गुजरे सैकड़ों लोगों से भी पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वयं सम्पूर्ण टीम के साथ पूछताछ की गई। साथ ही थाना क्षेत्र के समस्त ग्रामों में अपराध के सम्बन्ध में पूछताछ की गई।
इसके बावजूद कोई जानकारी नहीं लगने से पुलिस अधीक्षक द्वारा विवेचना को वृहद स्तर पर ले जाने के लिये निर्देश देते हुए आरोपी तलाश हेतु अधिकारियों की एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी ने बैतूल जिले व बैतूल जिले के सीमावर्ती जिले होशंगाबाद, छिंदवाडा, हरदा खंडवा, खरगौन के अलावा भोपाल, इंदौर के साथ-साथ महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले अमरावती, नागपुर, अकोला व अन्य जिलों से गुम महिलाओं की जानकारी प्राप्त की। जिसमें गुम 500 से भी ज्यादा महिलाओं की जानकारी प्राप्त कर मृत महिला की पहचान करने का प्रयास किया गया।
महिला की सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझी, पति ने ही की थी हत्या, बेटे के साथ मिलकर लगाया था लाश को ठिकानेऐसे मिला आरोपी का सुराग
एसपी सुश्री प्रसाद ने बताया कि इसी दौरान 13 मार्च को थाना गंज में एक महिला का शंकाप्रद गुम इंसान कायम होने पर पुलिस ने गुम इंसान की जांच प्रारम्भ की। गुम इंसान के पति शैलेंद्र राजपूत व परिजनों को पूछताछ हेतु थाना तलब किया गया। शैलेंद्र रंग पंचमी के रोज से ही अपने घर से फरार हो गया था। जिससे पुलिस का शैलेंद्र पर शक और गहरा गया। शैलेंद्र की तलाश हेतु मुखबीर लगाये गये एवं उसका पुराना आपराधिक रिकार्ड चैक किया। इस पर पाया गया कि शैलेंद्र की पहली पत्नी की मृत्यु भी संदिग्ध परिस्थितियों में होने से शैलेद्र के खिलाफ थाना कोतवाली में अपराध धारा 498A, 304B IPC दहेज प्रतिशेध अधिनियम का पंजीबद्ध किया गया था। वर्ष 2010 में शैलेंद्र तथा अन्य के विरुद्ध धारा 3, 5 लोक संघ निवारण अधिनियम व 379
कॉल डिटेल से पुणे में मिली
शैलेंद्र की तलाश हेतु सायबर की मदद से शैलेंद्र की काल डिटेल्स से शैलेंद्र का पुणे (महाराष्ट्र) में होना पाया गया। जिसके चलते त्वरित पुणे टीम रवाना की गई। संदेही को श्रीनिवास कम्पनी, नवलखा उमरी के आसपास तलाश करते हुए पकड़ा। आज वापस बैतूल लेकर आये। आरोपी ने पूछताछ में जल्द ही अपराध करना स्वीकार कर लिया।
आरोपी ने बताया कि 07 दिसंबर को उसके गंज स्थित घर पर उसका उसकी पत्नी मृतिका राधा राजपूत से विवाद होने से उसके द्वारा मारपीट की गई। जिसमें मृतिका की मृत्यु हो गई। उसके बाद आरोपी ने मृतिका की लाश दिन भर अपने घर पर ही छुपाये रखा। रात को अपनी निजी कार से अपने बेटे के साथ मृतिका को हनुमान डोल मंदिर की पुलिया के पास ले जाकर फेंक दिया। मृतिका का सिर अपने बेटे की मदद से आरी से काट कर अलग कर दिया। सिर को ग्राम निशाना, शाहपुर में पेट्रोल डालकर जलाना बताया।
इसने की थी छिपने में मदद
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि आरोपी ने जानकारी दी है कि वह रंगपंचमी के दिन से फरार होने के बाद से गोविन्द वरकडे के कत्लढाना स्थित घर पर छुप कर रह रहा था। गोविन्द वरकडे को उसके द्वारा हत्या के सम्बन्ध में इसी दौरान बताया गया था व गोविन्द ने ही पुणे में छुपकर रहने के लिये व्यवस्था कराई थी
इनकी रही मुख्य भूमिका
इस प्रकरण को सुलझाने में थाना प्रभारी अपाला सिंह, निरीक्षक रविकान्त डेहरिया, उप निरीक्षक आबिद अंसारी (फिंगर शाखा), उप निरीक्षक राकेश सरेयाम, मोहित दुबे, राजेंद्र राजवंशी, वंशज श्रीवास्तव, एएसआई दीपक मालवी, प्रधान आरक्षक तरुण पटेल व आरक्षक राजेंद्र धाडसे, बलराम राजपूत, दीपेंद्र सिंह व राकेश करपे की मुख्य भूमिका रही।