कामगार कांग्रेस ने सहपानी में “श्रमिक जोडो अभियान” के तहत मनरेगा श्रमिकों के बीच लगाई “गांधी चौपाल”

मूलचन्द मेधोनिया पत्रकार भोपाल मोबाइल 8878054839
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छिंदवाड़ा ।
ग्रामीण मजदूरों को काम देने वाली मनरेगा को खत्म करना चाहती है मोदी शिवराज की सरकार: वासुदेव शर्मा
परासिया। पूर्व मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथजी एवं लोकप्रिय सांसद माननीय नकुलनाथजी के निर्देश पर ब्लाक असंगठित कामगार कांग्रेस की ओर से ग्राम सहपानी में महिला मनरेगा श्रमिकों के बीच गांधी चौपाल लगाई गई। ब्लाक अध्यक्ष रमन ब्रम्हे की अध्यक्षता में लगाई गई चौपाल में संगठन की क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीमती ब्रिज कुमारी पंद्राम, सरपंच किशोर इवनाती एवं श्रीमती किरण परतेती सहित मनरेगा श्रमिक उपस्थित रहीं।

श्रमिक जोडो अभियान के तहत लगाई गई गांधी चौपाल को कामगार कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने बोलते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथजी ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए रोजगार गारंटी कानून बनवाया, यह कानून गांव के गरीब, भूमिहीन मजदूरों को 100 दिन के काम का अधिकार और वर्ष में 24 हजार रूपए इनकम की गारंटी देता है। केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार गरीब मजदूरों को रोजगार देने वाली मनरेगा को खत्म करने की साजिशें कर रही है, बजट नहीं दे रही, जिससे गरीबों को काम मिलने और मजदूरी के भुगतान में दिक्कतें आने लगी हैं। शर्मा ने कहा कि किसी भी गांव में मजदूरों को पूरे 100 दिन काम नहीं दिया गया है, यह मजदूरों के साथ अन्याय है। 8 साल से मोदीजी एवं 18 साल से शिवराज सरकार में हैं

लेकिन इन्होंने मनरेगा में एक दिन का काम नहीं बढाया और न ही मजदूरी बढाई।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें समाज के सबसे गरीब लोगों के लिए काम करती हैं, कानून बनाकर अधिकार देती हैं, भाजपा सरकारें मजदूरों से अधिकार छीनने का काम कर रही हैं। इंदिरा आवास में प्लाट मिलता था, पीएम आवास में मकान तोडना पडता है, इसी तरह राशन से गेहूं बंद कर दिया, बनती महंगाई में गरीब को राशन से सस्ता सामान मिलना चाहिए, भाजपा सरकार जो मिलता था उसे ही छीन रही है।

शर्मा ने कहा कि जब तक गरीब मजदूरों का अपना संगठन नहीं होगा तब तक भाजपा सरकार जो है उसे छीनती रहेगी इसलिए कामगार कांग्रेस से जुडकर एकजुट होना आज बहुत जरूरी है।
शर्मा ने बताया कि कामगार कांग्रेस सरकार से मांग कर रही है कि मनरेगा में 200 दिन काम और 350 रूपए मजदूरी मिले, पीएम आवास में कम से कम 5 लाख दिए जाएं, किसान सम्मान निधि की तरह श्रमिक सम्मान निधि शुरू की जाए, समूहों से जुडी महिलाओं को 2000 रूपए महीना दिया जाए, मध्यान्ह भोजन की रसोईयों को 5000 रूपए मानदेय मिले एवं मध्यान्ह भोजन के लिए प्रति बच्चे के हिसाब से कम से कम 15 रूपए दिए जाए, अभी सरकार प्राईमरी के बच्चे के लिए 3 रूपए एवं मिडिल के बच्चे के लिए 5 रूपए देती है जो काफी कम है, ऐसे ही तमाम सवालों को लेकर कामगार कांग्रेस श्रमिकों के बीच जाकर उन्हें संगठित करने का काम कर रही है, आप लोगों को इसे आगे बढाना है।

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