*Post office open even on Sundays :रविवार के दिन भी खुले पोस्ट आफिस*

मनाए हर घर तिरंगा भारतीय डाकघर के साथ कुछ ऐसे ही स्लोगन के साथ आज रविवार के दिन भी पूरे देश में पोस्ट ऑफिस खुले हुए हैं और लोगों को छुट्टी के दिन भी तिरंगा उपलब्ध कराया जा रहा है।घोड़ाडोंगरी डाकघर के पोस्टमास्टर शैलेन्द्र रघु ने बताया कि रविवार के दिन भी लोगों को राष्ट्र ध्वज उपलब्ध हो सके इसलिए शासन के निर्देश पर डाकघर खोले गए हैं और लोगों को ₹25 में तिरंगा उपलब्ध कराया जा रहा है। कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ रविवार के दिन है फुर्सत रहती है कि वह अपने घर के या अन्य जरूरी काम कर सकें । ऐसे लोगों की सुविधा के लिए शासन द्वारा रविवार के दिन डाकघर खोलकर राष्ट्रध्वज उपलब्ध कराया जा रहा है ।शासन द्वारा तिरंगा घर पर भी केवल ₹25 में पहुंचाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है ।जो पोस्ट आफिस नही जा सकते ऐसे लोग पोस्ट ऑफिस की वेबसाइटwww. epostoffice. gov. in पर जाकर ऑनलाइन ऑर्डर करके बिना कोई अतिरिक्त चार्ज लिए झंडा घर पहुंचा कर दिया जाता है ।लोग अपने निकट के पोस्ट ऑफिस से भी झंडा ले सकते हैं आज रविवार के दिन भी पोस्ट ऑफिस खुला है और लोग झंडा लेने आ रहे हैं ।पिछले दिनों नगर परिषद में आयोजित बैठक में भी लोगों ने पोस्ट ऑफिस में मिल रहा है झंडे की क्वालिटी की सराहना की थी लोगों को पोस्ट ऑफिस में आए झंडे पसंद आ रहे हैं और लोग झंडा खरीदने के लिए पोस्ट ऑफिस पहुंच रहे हैं।
घर व प्रतिष्ठानों पर तिरंगा को 13 से 15 अगस्त तक फहराया जाएगा। इस अभियान में डाकघर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
राष्ट्रीय ध्वज को सिर्फ 25 रुपये में खरीदा जा सकता है। जिसकी लंबाई 30 इंच और चौड़ाई 20 इंच है।सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने को लेकर नियमों में बदलाव किया है. पहले जहां सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही झंडे को फहराया जा सकता था, तो अब नए नियमों के तहत रात के समय में भी तिरंगे को फहराने की अनुमति दे दी गई है.तिरंगा लेने पहुंचे लोगों का कहना है कि वे इस अभियान से जुड़ कर खुश हैं। तिरंगा घर पर फहराएंगे और फक्र महसूस करेंगे।
देश में कितने डाक घर?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आजादी के समय देशभर में 23,344 डाक घर थे। इनमें से 19,184 ग्रामीण क्षेत्रों में तो 4,160 शहरी क्षेत्रों में थे। 31 मार्च, 2008 तक भारत में 1,55,035 डाक घर थे। इनमें से 1,39,173 डाक घर ग्रामीण क्षेत्रों और 15,862 शहरी क्षेत्रों में थे। इस तरह भारत आज विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क बन गया है।
एक आंकड़े के मुताबिक, देश में एक डाक घर 21.20 वर्ग किमी क्षेत्र और 7174 लोगों की जनसंख्या को अपनी सेवा प्रदान करता है।

पोस्टल नेटवर्क में चार कैटिगरी के डाक घर हैं- प्रधान डाक घर, उप डाक घर, अतिरिक्त विभागीय उप डाक घर और अतिरिक्त विभागीय शाखा डाक घर। सभी डाक घर एक जैसी पोस्टल सेवाएं प्रदान करते हैं, बस डिलिवरी का काम विशिष्ट डाक घरों के जिम्मे रहता है।

डाक से जुड़े और रोचक फैक्‍ट्स
भारत में पहला पोस्ट ऑफिस 1774 में कोलकाता में खुला। स्पीड पोस्ट भारत में 1986 में शुरू हुआ। मनी ऑर्डर सिस्टम 1880 में शुरू हुआ।

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