बजट आकांक्षी समाज, गरीबों, गांवों और मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करेगा :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023-24 के बजट को अमृत काल का पहला बजट बताते हुए इसे विकसित भारत की आकांक्षाओं और संकल्पों को पूरा करने के लिए एक मजबूत आधार बताया है।
वित्त मंत्री सीतारामन द्वारा संसद में केन्द्रीय बजट पेश करने के बाद अपने संबोधन में श्री मोदी ने कहा कि बजट में वंचितों को प्राथमिकता दी गई है और समाज की आकांक्षाओँ, गरीबों, गांवों और मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने वित्त मंत्री और उनकी टीम को ऐतिहासिक बजट बनाने के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बजट सहकारी समितियों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास का आधार बनाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना बनाई है।
श्री मोदी ने बजट में नई प्राथमिक सहकारी समितियों के गठन की महत्वाकांक्षी योजना के प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे खेती के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन क्षेत्र का विस्तार होगा, किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को उनके उत्पादों के बेहतर दाम मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने डिजिटल भुगतान की सफलता पर कहा कि बजट में डिजिटल कृषि बुनियादी ढांचे के लिए एक बड़ी योजना लायी गयी है।
बजट में अवसंरचना क्षेत्र के लिए बड़े निवेश के प्रावधान पर श्री मोदी ने कहा कि इसमें दस लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश भारत के विकास को नई ऊर्जा और गति देगा। उन्होंने बताया कि इन निवेशों से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि 2014 की तुलना में अवसंरचना क्षेत्र में निवेश 400 फीसदी से ज्यादा हुआ है।
श्री मोदी ने कहा कि यह बजट एक सतत भविष्य के लिए हरित विकास, हरित अर्थव्यवस्था और हरित बुनियादी ढांचे को अभूतपूर्व विस्तार देगा। उन्होंने कहा कि आज का भारत सड़क, रेल, मेट्रो, बंदरगाह और जलमार्ग जैसे हर क्षेत्र में आधुनिक बुनियादी ढांचा चाहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2047 के लिए तय लक्ष्यों को हासिल करने और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में लिए गए फैसलों से लोगों का जीवन आसान हुआ है। उन्होंने बजट में आय कर की दरों में कमी के साथ-साथ इसकी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाए जाने की व्यवस्थाओं का भी उल्लेख किया
आयकर दाताओं के लिए छूट की सीमा पांच लाख से बढाकर सात लाख रूपये की गई
बजट में आयकर दाताओं को राहत दी गई है। आयकर स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच कर दी गई है। अब तीन लाख रूपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। तीन से छह लाख रूपये तक की आय पर पांच प्रतिशत कर छह से नौ लाख रूपये तक की आय पर दस प्रतिशत और नौ से 12 लाख रूपये तक की आय पर कर की दर 15 प्रतिशत होगी। 12 से 15 लाख रूपये तक की आय वाले करदाताओं को बीस प्रतिशत कर देना होगा। 15 लाख से ऊपर की आय पर आयकर की दर तीस प्रतिशत होगी। नई कर व्यवस्था चुनने वाले करदाताओं को सात लाख रूपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा।
वित्तमंत्री ने वेतनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगी सहित पेंशनभोगियों के लिए मानक कटौती का लाभ नई सरकार व्यवस्था में भी देने का प्रस्ताव किया। नई कर व्यवस्था के अन्तर्गत उच्चतम अधिभर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। इससे व्यक्तिगत आयकर की अधिकतम कर दर घटकर 39 प्रतिशत हो जायेगी।