नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा की जाती है और इस दिन का शुभ रंग पीला है। यह रंग सिर्फ सजावट या कपड़ों का हिस्सा नहीं है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य और ऊर्जा संतुलन से भी जुड़ा है। पीला रंग हमारे शरीर के मणिपुर चक्र (Solar Plexus Chakra) से संबंधित है, जो नाभि के ऊपर पेट क्षेत्र में स्थित होता है। यह चक्र पाचन, मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा स्तर और आत्मविश्वास को नियंत्रित करता है। जब यह संतुलित रहता है, तो पाचन अग्नि मजबूत होती है, शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है। असंतुलन होने पर गैस, एसिडिटी, कब्ज, थकान, चिड़चिड़ापन और यहां तक कि डायबिटीज जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
कलर थेरेपी के अनुसार पीला रंग मस्तिष्क को एक्टिवेट करता है, मूड सुधारता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है। इसलिए इस दिन पीले वस्त्र पहनना, पीले फूल अर्पित करना और पीली मिठाई या फल शामिल करना मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को संतुलित करने में सहायक होता है।
जिनका उपवास है, उन्हें पाचन तंत्र को आराम देना चाहिए और हल्के, सात्विक आहार पर टिकना चाहिए। अधिक से अधिक पानी और नारियल पानी पीना चाहिए। पपीता, अनार, सेब और केला जैसे फल पचने में आसान और ऊर्जा देने वाले हैं। नींबू-शहद वाला गुनगुना पानी शरीर को डिटॉक्स करता है। साबूदाना, भगर और आलू चिप्स जैसे तैलीय व्रत स्नैक्स पेट पर बोझ डालते हैं और एसिडिटी बढ़ाते हैं, इसलिए इनसे बचना चाहिए।
जो लोग उपवास नहीं कर रहे हैं, उनके लिए भी यह दिन पाचन शक्ति सुधारने का अच्छा अवसर है। लौकी, तोरी, कद्दू और सलाद जैसे हल्के भोजन को प्राथमिकता दें। दही, छाछ और मट्ठा प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, जो आंतों को स्वस्थ रखते हैं। चाय और कॉफी से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि ये गैस और डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं। इसके बजाय अदरक, पुदीना या तुलसी वाली हर्बल टी अपनाना ज्यादा फायदेमंद है।
पाचन शक्ति को सक्रिय करने और मणिपुर चक्र को संतुलित करने के लिए वज्रासन, पवनमुक्तासन और भुजंगासन जैसे योगासन लाभकारी हैं। प्राणायाम में कपालभाति और अनुलोम-विलोम पेट की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और ऊर्जा का संतुलन सुधारते हैं। उपवास केवल शारीरिक डिटॉक्सिफिकेशन तक सीमित नहीं है। यह भावनात्मक डिटॉक्स में भी मदद करता है, क्योंकि उपवास के दौरान दबे हुए भावनाओं को छोड़ने और मानसिक तनाव को कम करने का अवसर मिलता है।
नवरात्रि का चौथा दिन हमें याद दिलाता है कि स्वस्थ जीवन की नींव है मजबूत पाचन तंत्र। पीले रंग की सकारात्मकता और मणिपुर चक्र का संतुलन पाचन को दुरुस्त करता है और जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भरता है। सही आहार, पर्याप्त हाइड्रेशन और योगाभ्यास अपनाकर हर कोई इस दिन को अपने स्वास्थ्य के लिए एक नया मोड़ बना सकता है







