*राष्ट्रीय मूलनिवासी पेशंनर संघ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ ने अहिल्याबाई होलकर जी की 300 वीं जयंती मनाई*
*राष्ट्रीय मूलनिवासी पेशंनर संघ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ ने अहिल्याबाई होलकर जी की 300 वीं जयंती मनाई*
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मूलचन्द मेधोनिया पत्रकार भोपाल
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भोपाल। लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की 300 वीं जन्म शाताब्दी जयंती वर्ष श्रावस्ती बुद्ध विहार राहुल नगर, मैनिट चौराहा भोपाल में माननीय श्री वी.के. बाथम रिटायर्ड आईएआई भोपाल के मुख्य अतिथि, उदघाट्क माननीय श्री टी. आर. अहिरवार (बापू) वरिष्ठ मूलनिवासी सामाजिक चिंतक भोपाल एवं अध्यक्षता माननीय श्री एच. एन. रैकवार राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद एवं बामसेफ ने की।
आयोजन का मुख्य मकसद व्यवस्था परिवर्तन के आंदोलन में पेंशनर संघ की भूमिका(एक समीक्षा) एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी कर्मचारी संघ का कैसे विस्तार किया जाये। उक्त महत्वपूर्ण विषय को लेकर कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर एक संगोष्ठी में श्री एम. डी. किरार जी, श्री देशभरतार जी, श्री राजेश कीर जी, श्री विनोद डोगरे जी, सहित अनेक बामसेफ के सदस्यों ने अपनी बात रखी।
माननीय श्री वी. के. बाथम सेवानिवृत्त आईएएस ने अपने उद्बोधन देते हुए आज की व्यवस्था परिवर्तन एक बहुत ही कठिन कार्य है। जो कि बार्म्हणकारी सडी़ गली गैर बराबरी की व्यवस्था के खिलाफ मानवतावादी विचारधारा समता, स्वतंत्रता, बंधुता एवं न्याय पर आधारित समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करने के लिए बामसेफ एवं भारत मुक्ति मोर्चा एवं उसकी आफशुट विंग के माध्यम से लगातार 1978, से आज तक निरंतर कार्य चल रहा है।
अध्यक्षता कर रहे माननीय श्री रैकवार जी ने अपना विस्तार से कैडर देते हुए आगाह किया है कि वर्तमान की सरकार सभी अनुसूचित जाति, जनजातियों और पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को गुमराह कर अन्याय कर रहे है। जिन्होंने कहा कि सभी एकजुट होकर अपने अधिकार के लिए आगे आये। उन्होंने साफ कहा कि हमारा कोई भला नही कर सकते है स्वयं अपनी आवाज बने और सरकार बनाकर ही अपने अधिकारों को पाया जा सकता है। वरना ये जातिवाद करने वाले हमें नष्ट करने में तुले है।
इसी कड़ी में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की 300 वीं वर्ष पर कार्यक्रम था। बहुजन समाज में जन्मे महापुरुषों को बामसेफ के सभी सहायक संगठन सभी को सम्मान देते है। लेकिन मध्यप्रदेश के एक ऐसे महान क्रांतिकारी और देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शूरवीर मनीराम अहिरवार जी जिन्होंने 1942 के आजादी आंदोलन में जब अंग्रेजी सेना अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों से गुलामी और बेगारी करा रही थी। जिसकी मुक्ति के लिए तथा गोंडीय राजा मूलनिवासी राजमहल चीचली तहसील गाडरवारा जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश में बहुत ही बहादुरी से लडे़ और अंग्रेज़ों को मार कर घायल करके विजय प्राप्त की थी।
ऐसे महान क्रांतिकारी वीर मनीराम अहिरवार जी को बामसेफ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ के प्रत्येक परचा, पोस्टर, प्रचार प्रसार सामग्री में मध्यप्रदेश के महापुरुष वीर मनीराम जी की फोटो लगाने की अपील अमर शहीद वीर मनीराम जी के पौता मूलचन्द मेधोनिया जी ने की है। शहीद परिवार महान क्रांतिकारी शहीद को राष्ट्रीय शहीद का दर्जा के लिए लम्बे समय से मांग कर रहे है। अत:बामसेफ इनकी आवाज उठाने का व सम्मान दिलाने का प्रयास करेंगे।
सभी मूलनिवासी बहुजन समाज के बुद्धिजीवी वर्ग पेंशनर संघ, युवा, शुभचिंतक जिनमें प्रमुख रूप से श्री के .पी .भुमरकर, श्री बी. आर. मेश्राम, आर. जे. कुशवाहा, श्री जसमन सिंह रजक, मधुकर रंगारे, ओ. पी. वर्मा, शेषराव साहारे, एस. के. चंद्रया, धनराज गायकवाड़, धनराज मेश्राम, एस. के. आमखरे, अनिल लांजेवार, सुरेन्द्र लांजेवार, शिवशंकर देशभ्तार, बाबूलाल थोरात, देवीदास देशभ्तार, एस. सी. मंडराई, पी. बी. वासनिक, रतन आरख, चिंतामन बंसोड़, पी. जे. पुसे, सुभाष गजभिये, गंगाधर गजभिये, फिरनुराम इत्यादि बामसेफ और मूलनिवासी पेंशनर संघ के बहुजन कर्मचारी संघ भोपाल के द्वारा सफल आयोजन हुआ।