*शहीद वीर मनीराम जी को राष्ट्रीय शहीद दर्जा को लेकर परिचर्चा*

*शहीद वीर मनीराम जी को राष्ट्रीय शहीद दर्जा को लेकर परिचर्चा*
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मूलचन्द मेधोनिया पत्रकार भोपाल
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भोपाल। न्यू सुभाष नगर भोपाल के बौद्ध विहार में अनुसूचित जाति वर्ग के सामाजिक संगठनों, पत्रकार और वरिष्ठ नागरिकों की एक महत्वपूर्ण परिचर्चा लेकर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसकी अध्यक्षता माननीय श्री एम. डी. किरार पूर्व संचालक आदिवासी शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश एवं अनुसूचित जाति सामाजिक संगठन के प्रमुख मार्गदर्शक की गरिमामयी उपस्थित में रखी गई। जिसमें अहिरवार समाज, बौद्ध समाज एवं सखवार समाज के प्रबुद्ध जनों की उपस्थिति में सम्पन्न होकर संगोष्ठी के मुख्य अतिथि माननीय श्री महंत परमसुख शाक्य जी प्रधान संपादक मासिक सर्वहारा की आवाज थे। जिन्होंने सभी

सामाजिक नागरिकों को बताया कि हमारे देश की आजादी में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों का अनुकरणीय योगदान रहा है। लेकिन जातिवाद, ओछी राजनीति व मानसिकता के चलते हुए अनुसूचित जाति वर्ग के महान क्रांतिकारियों की अनदेखी की गई है।

महंत श्री परमसुख शाक्य जी कबीर पंथी होने के साथ ही अनेक सामाजिक संगठनों के सरोकारी है। उन्होंने संगोष्ठी में आजादी में मध्यप्रदेश की अनुसूचित जाति के अनेकों स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की दास्ताँ बताई लेकिन उन्होंने जिला नरसिंहपुर के नगर चीचली के महान क्रांतिकारी वीर मनीराम जी के युद्ध की जो जानकारी सभी को दी कि सब आश्चर्य मान गए उन्होंने कहा कि वीर मनीराम अहिरवार जी बिना हथियारों के अंग्रेजों से लडे़। जबकि अंग्रेजों के पास बंदूक थी। शूरवीर मनीराम जी ने अपनी कुशल बहादुरी से अंग्रेजों को लहूलुहान कर गांव से भगा कर

विजय श्री प्राप्त की। लेकिन दुःख जताया कि इनके युद्ध मनीराम जी पर चली गोलीबारी में जो घटना पर दम तोड़ा वह शहीद हुए। लेकिन वीर मनीराम जी को अंग्रेजों ने गुप्त जेल ले, जाकर मौत के घाट उतार दिया। उन्हें सरकार के द्वारा आज तक कोई सम्मान न देना बहुत बड़ी भूल एवं समाज की अनदेखी है।
अमर शहीद वीर मनीराम अहिरवार जी के पौता मूलचन्द मेधोनिया पत्रकार का इस संगोष्ठी में हौसला बढ़ाते हुए सराहना की है कि इनके द्वारा हमारे महान महापुरुष की जानकारी व उनकी जीवन गाथा बता कर अपने पूर्वज रहे आजादी के पुरोधा की लड़ाई सम्मान के लिए लड़ रहे है । तथा सामाजिक लोगों को जागरूक भी कर रहे है। संगोष्ठी में उपस्थित गणमान्यों ने अमर

शहीद वीर मनीराम अहिरवार जी के उत्तराधिकारी पौता मूलचन्द मेधोनिया का फूल माला पहनाकर अभिनंदन किया। तथा फैसला लिया कि सरकार से मांग की जायेगी कि शहीद की जन्म भूमि पर विशाल मूर्ति, भवन, स्मारक और सामाजिक प्ररेणा स्थल बना कर अनुसूचित जाति को गौरवान्वित किया जायेगा।

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